Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • हेल्थ
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Bihar Assembly Election 2025 |
  • Diwali 2025 |
  • Ind vs Aus |
  • ICC Women’s Cricket World Cup |
  • Weather Update |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

बैन की मजबूरी, रिलायंस का निकला तेल! रूस पर अमेरिकी प्रतिबंध से ऑयल कंपनियों को लगा झटका

US Sanctions: अमेरिका द्वारा रूस की रॉसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंधों से रिलायंस इंडस्ट्रीज को 3,000–3,500 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। नयारा एनर्जी और सरकारी तेल कंपनियों पर भी असर तय।

  • By आकाश मसने
Updated On: Oct 25, 2025 | 06:58 AM

प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: AI)

Follow Us
Close
Follow Us:

Indian Oil Sector: अमेरिका द्वारा रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों रॉसनेफ्ट और लुकोइल पर लगाए गए प्रतिबंधों से रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को बड़ा झटका लग सकता है। एक अनुमान के मुताबिक इससे उसकी आय में 3,000-3,500 करोड़ रुपये तक की गिरावट आ सकती है।

विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका के नए प्रतिबंधों से रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ नयारा एनर्जी पर सबसे अधिक असर पड़ने की संभावना है। इसके बाद सरकारी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन पर असर पड़ेगा।

इन प्रतिबंधों के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और सरकारी तेल रिफाइनरियां अब रूसी कच्चे तेल का आयात रोकने करने की तैयारी कर रही हैं।

21 नवंबर तक पहले के अनुबंध

रिलायंस ने कहा कि रूसी तेल आयात का पुनर्संतुलन जारी है और रिलायंस सरकार के दिशानिर्देशों के साथ पूर्ण रूप से तालमेल में रहेगी। आयातक कंपनियों को 21 नवंबर तक पहले से तय अनुबंधों के तहत खेपें प्राप्त करने की अनुमति है।

पहले के प्रतिबंधों के विपरीत इस बार प्रतिबंध प्रत्यक्ष रूप से कंपनियों पर लगाए गए हैं, जिससे निर्धारित तिथि के बाद उनके बैरल प्रतिबंधित माने जाएंगे। अब तक इस वर्ष भारत के कुल कच्चे तेल आयात का 34% रूस से आया है, जिसमें से रॉसनेफ्ट और लुकोइल की हिस्सेदारी लगभग 60% है। इंडियन ऑयल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रूसी तेल का हिस्सा उसके कुल कच्चे तेल बास्केट का 15-18% है।

रिलायंस पर असर

  • 20-25% है रिलायंस के ऑयल-टू-केमिकल्स पोर्टफोलियो में रूसी कच्चे तेल का हिस्सा
  • 5 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चा तेल खरीदने का दीर्घकालिक समझौता है उसका रॉसनेफ्ट के साथ
  • 12% तक बढ़ सकती है रिलायंस की रिफाइनिंग लागत
  • 15,008 करोड़ की आय होती है रिलायंस को ऑयल-टू-केमिकल्स से
  • 12 हजार करोड़ के आसपास रह सकती है नए प्रतिबंधों से यह आय

सरकारी कंपनियों को भी होगा नुकसान

मध्य-पूर्वी कच्चे तेल की मूल बिक्री कीमत और कमजोर डाउनस्ट्रीम मार्जिन के कारण इसका असर आंशिक रूप से संतुलित हुआ। सरकारी तेल कंपनियों पर इस बार के प्रतिबंधों असर तय है, क्योंकि उनका मुख्य कारोबार रिफाइनिंग और मार्केटिंग है। हालांकि उनके पास दीर्घकालिक अनुबंध नहीं हैं, लेकिन वे रूस से लगातार कच्चा तेल खरीद रही थीं।

यह भी पढ़ें:- दो करोड़ की डिफेंडर कार से मचा सियासी बवाल! ठेकेदार ने 21 विधायकों को गिफ्ट कीं गाड़ियां?

यदि 30% आपूर्ति प्रभावित होती है और प्रति बैरल 2-3 डॉलर की छूट का भी नुकसान होता है तो उनकी कुल कमाई पर भारी असर पड़ सकता है। प्रति बैरल 1 डॉलर की गिरावट से भी उनकी कुल आय में 9-10% तक की कमी आ सकती है।

नायरा को होगी ज्यादा दिक्कत

नयारा एनर्जी में रॉसनेफ्ट की लगभग 50% हिस्सेदारी है। उसके लिए कच्चे तेल की आपूर्ति सुनिश्चित करना और परिष्कृत उत्पाद बेचना अब और कठिन हो सकता है। गुजरात स्थित वडिनार रिफाइनरी पहले से ही जुलाई में लगाए गए पहले चरण के प्रतिबंधों के बाद 60-70% क्षमता पर काम कर रही है।

विश्लेषकों का कहना है कि ओपेक देशों के पास अतिरिक्त कच्चे तेल की क्षमता है, जिससे आपूर्ति की समस्या कुछ हद तक सुलझ सकती है लेकिन कीमतें बढ़ सकती हैं। ऐतिहासिक रूप से भारत मध्य-पूर्व से ही अधिक तेल आयात करता रहा है, लेकिन 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध और ग्रुप ऑफ सेवन द्वारा रूस के तेल राजस्व को सीमित करने के लिए 60 डॉलर प्रति बैरल की मूल्य सीमा लागू करने के बाद रूस भारत के लिए सस्ता और आकर्षक विकल्प बन गया था।

Us sanctions rosneft lukoil impact on reliance industries indian oil sector

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Oct 25, 2025 | 06:58 AM

Topics:  

  • America
  • Bussiness News
  • Reliance
  • Tariff War

सम्बंधित ख़बरें

1

ट्रंप को कच्चा खा जाएगा चीन! टैरिफ टेंशन के बीच उठाया ये बड़ा कदम, खून के आंसू रोएंगे अमेरिकी

2

अमेरिका ने चीन पर किया बड़ा साइबर अटैक, बीजिंग के राष्ट्रीय समय सेंटर को नुकसान, कहा- दोहरा मापदंड

3

ट्रंप ने फेंका कीचड़…No Kings प्रोटेस्ट से राष्ट्रपति नाराज हुए, AI वीडियो बनाकर उड़ाया मजाक

4

ट्रंप के खिलाफ सड़कों पर लोग, अमेरिका में अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन; क्या है नो किंग्स प्रोटेस्ट?

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.