इनकम टैक्स (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : देश के करोड़पति टैक्सपेयर्स की संख्या में इस साल भारी बढ़त देखने को मिल रही है। यदि पिछले 10 साल के आंकड़े की बात की जाए, तो इसमें 5 गुना बढ़त देखी जा रही है, इसी बढ़त के आधार पर ये संख्या 2.20 हो गई है। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात तो ये है कि कोरोना महामारी के बाद से सिर्फ 3 साल में ही 1 लाख नए लोग इस करोड़पति टैक्सपेयर्स ग्रुप में शामिल हु्ए हैं।
कुछ विश्लेषकों ने इस बारे में ये राय दी है कि करोड़पति टैक्सपेयर्स के आंकड़े बढ़ने के पीछे कई कारण हैं। जिसमें तेजी से बढ़ रहा शेयर मार्केट, कुछ चुनिंदा कंपनियों में शानदार प्रॉफिट, सैलरी में भारी बढ़ोत्तरी, टैक्स के सख्त नियम और कुछ और नियमों में बदलाव जैसे कारक शामिल है। एक सीनियर ऑफिसर के अनुसार, कोविड महामारी की शुरूआत में ही भारतीय इकोनॉमी में भारी गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन फिर भी कई ऐसी कंपनियां थी जिनका कारोबार तेजी से बढ़ रहा था। उस समय भी शेयर बाजार में उछाल देखी जा सकती थी।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के टैक्सपेयर्स के अपने इंवेस्टमेंट रिटर्न में किए गए खुलासे के डेटा मैचिंग ने करोड़पति टैक्सपेयर्स में आने वाले व्यक्तियों की बढ़ती संख्या में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जब भी इनकम और भुगतान किए जाने वाले टैक्स की संख्या के बीच में कुछ गड़बड़ पायी जाती है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ऐसे टैक्सपेयर को तुरंत नोटिस जारी कर देता है। एडवांस टैक्स पेमेंट और चालू वर्ष के ट्रांसेक्शन में गड़बड़ पाए जाने पर भी टैक्सपेयर्स को नियमित रुप से सावधान किया जाता है।
ये भी पढ़ें :- सरकार कर रही है आम जनता को महंगे प्रीमियम से राहत देने की तैयारी, जल्द ले सकती है कोई बड़ा फैसला
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, एसेसमेंट ईयर 2013-14 में भारत में लगभग 40,000 लोगों ने 1 करोड़ से ज्यादा की टैक्स अमाउंट को योग्य इनकम बताया था। असेसमेंट ईयर 2020-21 तक इन आंकड़ों की संख्या 120,000 तक पहुंच गई है। 1 करोड़ रुपये से ज्यादा इनकम वाले अमीर भारतीयों की संख्या में तेजी से बढ़त सिर्फ 2022-23 और 2023-24 में हुई है। ये आंकड़े क्रमशनुसार 190,000 और 220,000 तक पहुंच गए है।