एकीकृत पेंशन योजना ( सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को पेंशन से जुड़ा एक अहम फैसला लिया है। इस फैसले में तय किया गया है कि 1 जनवरी 2004 के बाद जो भी सरकारी कर्मचारी ने देश में अपनी सेवा दे रहे है उनके लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के अंतर्गत इन कर्मचारियों को वेतन का 50 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित पेंशन के रूप में दिया जा सकता है। मंत्रिमंडल ने शनिवार को हुई इस बैठक में इस योजना को लागू करने की मंजूरी दी है।
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों से पहले, सरकारी कर्मचारियों की काफी समय से लंबित मांगों को पूरा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को मंजूरी दी गई, जिसमें सुनिश्चित पेंशन का प्रावधान किया गया है।
एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) के तहत सरकारी कर्मचारी अब सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में मिले औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में पाने के हकदार होंगे। पेंशन के रूप में वेतन का 50 प्रतिशत पाने के लिए न्यूनतम सेवा अवधि 25 वर्ष होनी चाहिए।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि न्यूनतम 10 साल तक की सेवा अवधि के लिए आनुपातिक रूप से पेंशन दी जाएगी। उन्होंने कहा कि नयी पेंशन योजना न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10,000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन की गारंटी भी देती है। उन्होंने कहा कि इस वैकल्पिक योजना से केन्द्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकारें इस योजना में शामिल होना चाहें तो कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 90 लाख हो जाएगी।
यूपीएस की अन्य विशेषताओं की घोषणा करते हुए वैष्णव ने कहा कि मृतक कर्मचारी के जीवनसाथी को एक सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, सुनिश्चित पेंशन, सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन पर मुद्रास्फीति सूचकांक भी होगा।
मंत्री ने कहा कि कार्यरत कर्मचारियों की तरह औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीआई-आईडब्ल्यू) के आधार पर महंगाई राहत दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कर्मचारी सेवानिवृत्ति के समय ग्रेच्युटी के अलावा एकमुश्त रकम के पात्र होंगे। इन सभी विशेषताओं को शामिल किया जाना राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में परिवर्तन का प्रतीक है, जिसमें कर्मचारियों और सरकार द्वारा किए गए योगदान के आधार पर पेंशन देने का प्रावधान है।
( एजेंसी इनपुट के साथ )