एसबीआई, (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी एसबीआई के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने बैंक को लेकर एक बड़ी जानकारी पेश की है। उन्होंने कहा है कि एसबीआई ने चालू वित्त वर्ष के दौरान ब्याज दरों में गिरावट के चैलेंज के बाद भी अपने रिटर्न ऑन असेट्स यानी आरओए को 1 प्रतिशत तक सुनिश्चित कर सकता है। आरओए एक प्रॉफिटिबिलिटी रेश्यो है, जो ये दिखाता है कि कोई भी कंपनी अपनी असेट्स से कितना प्रॉफिट कमा सकती है।
चेयरमैन सी एस शेट्टी ने कहा है कि इस वित्त वर्ष के दौरान रेपो रेट में और भी ज्यादा कटौती की जा सकती है, जिससे नेट इंटरेस्ट मार्जिन पर प्रेशर पड़ेगा। डिपॉजिट की दरों का भी पुर्नगठन होगा, क्योंकि इसके बिना असरकारक मॉनिटरी ट्रांसमिशन संभव नहीं हो सकता है। एसबीआई की क्वाटरली रिपोर्ट के ऐलान के बाद विश्लेषकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा है कि हम ये सुनिश्चित करना चाहेंगे कि डिपॉजिट पर इंटरेस्ट रेट मोटे तौर पर रेपो रेट में कटौती के अनुसार हो, ताकि मार्जिन सिक्योर रहे।
एनआईएम पर कोई भी टारगेट सेट किए बिना, शेट्टी ने कहा है कि पॉलिसी रेट की कारवाईयों को बैंक के लिए डिपॉजिट अमाउंट में बदलने में 12 से 18 महीने तक का समय लग सकता हैं। पिछले वित्त वर्ष के दौरान, एसबीआई के लेजर का साइज बढ़कर 66 लाख करोड़ रुपये का हो गया है और ऑपरेटिंग प्रॉफिट 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है और वित्त वर्ष के दौरान 1,10,579 करोड़ रुपये हो गया है।
आपको बता दें कि वित्त वर्ष के दौरान, एसबीआई का नेट प्रॉफिट भी 70,901 करोड़ रुपये के हाईएस्ट रिकॉर्ड लेवल को छू गया, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में ये 61,077 करोड़ रुपये के अपने पिछले हाई लेवल पर था, जो 16 प्रतिशत की बढ़त को दर्शाता है।
बिजनेस की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें
उन्होंने कहा कि हम अभी भी चालू वित्त वर्ष के लिए 1 प्रतिशत रिटर्न ऑन असेट्स यानी आरओए टारगेट बनाए रखने में सक्षम होंगे। हमारा टारगेट ट्रेड साइकिल के माध्यम से 15 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न ऑन इक्विटी यानी आरओई हासिल करना है। पिछले वित्त वर्ष यानी 2024-25 में बैंक का आरओए 1.04 प्रतिशत से बढ़कर 1.10 प्रतिशत तक हो गया है, जबकि इस दौरान आरओई 20 प्रतिशत के आसपास स्थिर रह सकता है।