आने वाले समय में चांदी की कीमतों में बड़ी बढोत्तरी के आसार (सोर्स-सोशल मीडिया)
Silver To Hit 100 Dollars Per Ounce Analysts Forecast: भारतीय और वैश्विक सर्राफा बाजार में चांदी की कीमतों ने इस साल एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया है जिसने दुनिया भर के निवेशकों को चौंका दिया है। साल 2025 में अब तक चांदी की कीमतों में 158 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है, जो इसे सबसे अधिक रिटर्न देने वाली संपत्तियों में से एक बनाती है।
औद्योगिक मांग में उछाल और आपूर्ति में लगातार आ रही कमी ने इस सफेद धातु की चमक को कई गुना बढ़ा दिया है। बाजार विशेषज्ञों और विश्लेषकों का मानना है कि यह तो बस शुरुआत है और आने वाले वर्ष 2026 तक चांदी अंतरराष्ट्रीय बाजार में 100 डॉलर प्रति औंस के ऐतिहासिक स्तर को भी पार कर सकती है।
चांदी की कीमतों में आई इस तूफानी तेजी का सबसे बड़ा कारण इसकी ‘सप्लाई डेफिसिट’ यानी आपूर्ति की कमी है। पिछले पांच वर्षों से चांदी का उत्पादन इसकी बढ़ती मांग के मुकाबले लगातार कम रहा है।
सौर ऊर्जा (सोलर पैनल), इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स में चांदी का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है। चूंकि अधिकांश चांदी का उत्पादन लेड, जिंक और कॉपर माइनिंग के उप-उत्पाद (by-product) के रूप में होता है, इसलिए इसकी आपूर्ति को तुरंत बढ़ाना मुश्किल है। यही कारण है कि ‘फिजिकल मार्केट’ में चांदी की उपलब्धता कम होती जा रही है और कीमतें आसमान छू रही हैं।
आईएएनएस (IANS) की रिपोर्ट और विभिन्न बाजार विश्लेषकों के अनुसार, 2026 तक चांदी का 100 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचना अब एक वास्तविक संभावना नजर आ रही है। ‘इंडिया बुलियन एंड जूलर्स एसोसिएशन’ (IBJA) के विशेषज्ञों का कहना है कि वित्तीय संस्थान अब ‘पेपर सिल्वर’ (कागजी चांदी) के बजाय भौतिक चांदी (Physical Silver) रखने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
इस बदलाव ने कीमतों को नई मजबूती दी है। वर्तमान में स्पॉट चांदी 73 डॉलर प्रति औंस के करीब कारोबार कर रही है और विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2026 के अंत तक यह 100 डॉलर के मनोवैज्ञानिक स्तर को छू सकती है।
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अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी 100 डॉलर के स्तर पर पहुंचती है, तो भारतीय बाजार (MCX) पर इसके दाम 2,40,000 रुपये से 2,50,000 रूपये प्रति किलोग्राम तक जा सकते हैं। वर्तमान में चांदी 2.24 लाख रूपये के सर्वकालिक उच्च स्तर के आसपास है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अल्पकालिक सुधार (Correction) के बावजूद लंबी अवधि में चांदी का रुझान बेहद मजबूत बना हुआ है। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे चांदी में एसआईपी (SIP) या ईटीएफ (ETF) के माध्यम से निवेश कर सकते हैं, क्योंकि आने वाले दो साल इस धातु के लिए ‘गोल्डन पीरियड’ साबित हो सकते हैं।