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‘भारत में 99% लोगों को अपनी नौकरी पंसद नहीं’, बॉम्बे शेविंग कंपनी के CEO शांतनु देशपांडे का पोस्ट वायरल

शांतनु देशपांडे ने कहा कि अगर भारत में हर व्यक्ति को वित्तीय सुरक्षा और भरण-पोषण प्रदान किया जाए, तो ज्यादातर लोगों को अगले दिन काम पर लौटने की जरूरत महसूस नहीं होगी।

  • By मनोज आर्या
Updated On: Jan 08, 2025 | 07:01 PM

शांतनु देशपांडे, ( सीईओ, बॉम्बे शेविंग कंपनी)

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मुंबई: बॉम्बे शेविंग कंपनी (Bombay Shaving Company) के संस्थापक और सीईओ शांतनु देशपांडे ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में इंडियन वर्क कल्चर के बारे में बात की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत में ज्यादातर लोगों को अपनी नौकरी पसंद नहीं है। अपने पोस्ट में शांतनु ने कहा कि अगर भारत में हर व्यक्ति को वित्तीय सुरक्षा और भरण-पोषण प्रदान किया जाए, तो ज्यादातर लोगों को अगले दिन काम पर लौटने की जरूरत महसूस नहीं होगी।

शांतुन देशपांडे ने अपने पोस्ट में आगे लिखा है कि ब्लू कॉलर वर्कफोर्स से लेकर सरकारी कर्मचारियों तक, गिग वर्कर्स से लेकर फैक्टरियों तक, बीमा सेल्समैन, बैंकों से लेकर छोटे बिजनेस के मालिकों तक और यहां तक ​​कि बॉम्बे शेविंग कंपनी जैसे मजेदार और एम्प्लॉई फ्रेंडली स्टार्टअप तक की कहानी एक ही है। सभी में सिर्फ 19-20 का फरक है।

देश की संपत्ति पर केवल 2000 परिवार का कंट्रोल

कंपनी के फाउंडर ने देश की प्रॉपर्टीज के अंतर का भी जिक्र किया और कहा कि केवल 2,000 परिवार ही देश की संपत्ति के एक बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखते हैं। हालांकि सटीक आंकड़े अनिश्चित हैं, उन्होंने बताया कि ये परिवार टैक्स में 1.8 प्रतिशत से भी कम का योगदान करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि लोग सैलरी के वादे के साथ, अक्सर सुबह से शाम तक और कभी-कभी कई दिनों या हफ्तों तक मेहनत करते हैं, जिसे हमने 250 से अधिक वर्षों से आदर्श के रूप में स्वीकार किया है।

250 सालों से यही हो रहा है

शांतनु देशपांडे ने अपने पोस्ट में आगे कहा कि लोगों के लिए अधिकांश शुरुआती प्वाइंट जीरो है और जीवनसाथी, बच्चों, बुजुर्ग माता-पिता, आश्रित भाई-बहनों के लिए काम एक मजबूरी है। किसी को उसके घर और परिवार से दूर सुबह से रात तक पूरे दिन, कभी-कभी दिनों और हफ्तों तक सैलरी के लिए काम करता है। हम बस यह मानते हैं कि ऐसा करना ठीक है क्योंकि 250 वर्षों से यही हो रहा है। इसी तरह देश का निर्माण हुआ है। तो हम ऐसा करते हैं।

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हम कोई अन्य रास्ता नहीं जानते

उन्होंने आगे कहा कि  भारत में 2000 परिवारों के पास हमारी राष्ट्रीय संपत्ति का 18% हिस्सा है। वह बिल्कुल पागलपन है। संख्या के बारे में निश्चित नहीं हूं लेकिन वे निश्चित रूप से टैक्स का 1.8% भी नहीं चुकाते हैं। पोस्ट में आगे लिखा है कि ये परिवार और मेरे जैसे अन्य ‘इक्विटी बिल्डर्स’ कड़ी मेहनत करो और ऊपर चढ़ो’ वाली कहानी को बढ़ावा देने के दोषी हैं क्योंकि यह निश्चित रूप से स्वयं की सेवा है, लेकिन इसके अलावा और क्या विकल्प है? हम कोई अन्य रास्ता नहीं जानते।

Shantanu deshpande ceo of bombay shaving company said most people in india do not like their jobs 2

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Published On: Jan 08, 2025 | 06:22 PM

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