भारतीय रेलवे ( सौजन्य : सोशल मीडिया ))
नई दिल्ली : भारतीय रेलवे पर इन दिनों कई विवादित आरोप लगाए जा रहे है। रेलवे में जनरल कोच की संख्या को कम करके एसी कोच को बढ़ाने का आरोप लगाया जा रहा है। इन आरोपों पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि आने वाले समय में हर 22 कोच वाली ट्रेनों में 12 नॉन एसी जनरल एवं स्लीपर कोच लगाए जाने वाले है। 22 कोच वाली इन ट्रेनों में 8 एसी कोच लगाए जाने वाले है।
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया है कि इस समय भारतीय रेलवे के पास जितने कोच मौजूद है, उन डिब्बों में से दो तिहाई नॉन एसी और एक तिहाई हिस्सा एसी कोच का है। उन्होंने ये भी बताया है कि भारतीय रेलवे इस साल 10,000 नॉन एसी कोच बनाने की तैयारी कर रहा है।
दरअसल राज्यसभा में सांसद हारिस बीरन ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव इस मामले को लेकर सवाल उठाया था। जिसके जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उन्हें जवाब दिया है कि भारतीय रेलवे में नॉन एसी कोच का किराया किफायती होने के कारण ज्यादा उपयोग होता है। राज्यसभा में सांसद हारिस बीरन ने अश्विनी वैष्णव से सवाल पूछा था कि ट्रेनों में सफर करने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा है, जिसके कारण ट्रेनों में भारी भीड़ देखने को मिलती है। सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए कौन सा आवश्यक कदम उठाने रही है. उन्होंने इसके साथ ही ये भी कहा है कि नॉन एसी ट्रेनों की संख्या में भी कमी देखने को मिल रही है। ट्रेनों में इन दिनों भारी भीड़ हो रही है और रिजर्वेशन वाले डिब्बों में गैर-आरक्षित पैसेंजर भी बेबाकी से अंदर घुस जाते है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस सवाल के जवाब में कहा है कि रेलवे इस भीड़ को कम करने के लिए त्योहारों, छुट्टियों और पीक सीजन के समय डिमांड बढ़ने पर स्पेशल ट्रेन चलाती है, जिससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा भी ट्रेनों की कैपेसिटी को भी बढ़ाया जा रहा है। आपको बता दें कि भारतीय रेल इन दिनों 10,000 नॉन एसी स्लीपर कोच को भी तैयार कर रहा है।