डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते के माध्यम से भारत टैरिफ और नॉन टैरिफ परेशानियों को कम करने समेत ट्रेड रिलेशन को मजबूत करने के बारे में सोच रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अपने ट्रेड पार्टनर पर जवाबी टैरिफ का ऐलान करने के कुछ दिनों बाद ये बात कही है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रा पर गए थे। इस दौरान दोनों पक्षों ने आपसी रूप से लाभकारी, बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते यानी बीटीए पर बातचीत करने की योजना का ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका में थे और उन्होंने अपने काउंटरपार्ट्स से मुलाकात की। दोनों सरकारें बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा को आगे बढ़ाने की योजना बना रही हैं।
रणधीर जायसवाल ने कहा कि बीटीए के माध्यम से हमारा उद्देश्य गुड्स और सर्विस सेक्टर में भारत-अमेरिका के दोतरफा व्यापार को मजबूत करना है। साथ ही इसके माध्यम से बाजार पहुंच बढ़ाने, टैरिफ और नॉन-टैरिफ बाधाओं को कम करने पर जोर होगा। कुछ अमेरिकी इंपोर्टर्स पर 100 प्रतिशत व्यापार टैरिफ को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बीते दिनों सवाल किया गया।
इस पर उन्होंने कहा कि 100 प्रतिशत तक के ट्रेड फी वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन के मानदंडों के अंतर्गत हैं। इन्हें नेशनल डेव्हलप्मेंट और डॉमेस्टिक इंजस्ट्री को समर्थन देने के लिए लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि है इसलिए जब आप विकास के उस फेज में होते हैं, जब आपके अपने उद्योग को बढ़ाना होता है, तो डब्ल्यूटीओ मानदंडों के अनुसार आप जो भी व्यापार शुल्क लगा सकते हैं, आप लगाएंगे।
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अमेरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने के फैसले को एक बार फिर से 30 दिनों के लिए टाल दिया है। ट्रंप ने 4 मार्च को दोनों देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इससे पहले भी ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको के कई सामानों पर 4 फरवरी से टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, लेकिन इसे लागू होने से एक दिन पहले उन्होंने इसे 30 दिनों के लिए टाल दिया था। इस बीच ट्रंप के कनाडा पर टैरिफ लगाने की धमकी के बाद देश में अमेरीकी सामानों का बायकॉट शुरू हो गया है।