अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (सौजन्य :- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी ने अदाणी ग्रुप के बारे में एक बयान दिया है। इस बयान में कहा जा रहा है कि अदाणी समूह के संस्थापक चेयरमैन गौतम अदाणी पर अमेरिकी एसईसी के द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद भी निवेशकों का इस समूह पर विश्वास बना हुआ है। इन आरोपों के बावजूद निवेशकों ने इस समूह में निवेश करना रोका नहीं है।
अदाणी समूह के प्रमुख विदेशी निवेशकों में से एक आईएचसी ने एक बयान में कहा है कि अदाणी ग्रुप के साथ हमारी पार्टनरशिप ग्रीन एनर्जी और टिकाऊ क्षेत्रों में उनके कंट्रीब्यूशन में हमारे विश्वास को दर्शाती है। साथ ही इसमें ये भी कहा गया है हमारे सभी निवेशों की तरह हमारी टीम प्रासंगिक जानकारी और घटनाक्रम का मूल्यांकन करना जारी रखे हुए है। इस समय इन निवेशों पर हमारा नजरिया पहले की तरह ही है।
आईएचसी ने अप्रैल 2022 में रिन्यूऐबल एनर्जी शाखा अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेज यानी एजीईएल और बिजली कंपनी अदाणी ट्रांसमिशन में करीब 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर का इंवेस्टमेंट किया था। उसने समूह की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज में 1 अरब डॉलर का इंवेस्टमेंट किया था। हालांकि बाद में बाद में, उसने एजीईएल में अपनी 1.26 प्रतिशत हिस्सेदारी और एटीएल जिसे अब अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड कहा जाता है में 1.41 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी थी लेकिन अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 5 प्रतिशत की थी।
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इससे पहले अदाणी समूह ने इस बात पर जोर दिया था कि अरबपति गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी पर कथित रिश्वतखोरी के मामले में अमेरिका के विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम यानी एफसीपीए के उल्लंघन का कोई आरोप नहीं लगाया गया है। बल्कि उन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी के तहत आरोप लगाया गया है जिसमें मोनेटरी पनिशमेंट लगाया जा सकता है।
एजीईएल पर आरोप है कि सोलर एनर्जी सेल्स कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत दी गई, जिससे कंपनी को 20 साल की अवधि में 2 अरब अमेरिकी डॉलर का लाभ हो सकता था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)