(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Infosys Salary Package: आईटी सेक्टर में फ्रेशर्स इंजीनियरों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। सॉफ्टवेयर दिग्गज इन्फोसिस ने एंट्री-लेवल सैलरी में बड़ा उछाल देते हुए स्पेशलाइज्ड टेक्नोलॉजी रोल्स के लिए 21 लाख रुपये सालाना तक का पैकेज ऑफर करने का फैसला किया है। मीडिया में छपी खबर के मुताबिक, कंपनी AI-First रणनीति पर तेजी से आगे बढ़ रही है। कंपनी अब डिजिटल-नेटिव टैलेंट को आकर्षित करने के लिए खुलकर दांव खेल रही है। इससे न सिर्फ फ्रेशर्स का मनोबल बढ़ा है, बल्कि पूरे आईटी सेक्टर में हलचल मच गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इन्फोसिस ने कुछ खास रोल्स में फ्रेशर्स के लिए सैलरी पैकेज बढ़ा दिए हैं, क्योंकि कंपनी अपनी AI-फर्स्ट क्षमताओं को मजबूत करना चाहती है। अब इन्फोसिस स्पेशलाइज्ड टेक्नोलॉजी रोल्स के लिए सालाना 7 लाख रुपये से लेकर 21 लाख रुपये तक का पैकेज देने की तैयारी में है। यह सैलरी भारत की आईटी कंपनियों में सबसे ज्यादा एंट्री-लेवल सैलरी है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इन्फोसिस 2025 के इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट्स के लिए ऑफ-कैंपस हायरिंग ड्राइव शुरू करेगी ताकि खास टेक्नोलॉजी रोल्स के लिए टैलेंट मिल सके। जिन रोल्स के लिए भर्ती हो रही है, उनमें स्पेशलिस्ट प्रोग्रामर (L1 से L3) और डिजिटल स्पेशलिस्ट इंजीनियर (ट्रेनी) शामिल हैं। ये पोजीशन BE, BTech, ME, MTech, MCA और कंप्यूटर साइंस, आईटी और कुछ सर्किट ब्रांच जैसे ECE और EEE के इंटीग्रेटेड MSc ग्रेजुएट्स के लिए खुली हैं।
इन्फोसिस जिन रोल्स के लिए फ्रेशर्स को हायर कर रही है, वे खास तौर पर एडवांस टेक्नोलॉजी और डिजिटल स्किल्स से जुड़े हैं। इनमें Specialist Programmer L3 (Trainee) का पैकेज 21 लाख रुपये होगा। Specialist Programmer L2 (Trainee) की सैलरी सालाना 16 लाख रुपये होगी। Specialist Programmer L1 (Trainee) को 11 लाख रुपये सालाना मिलेंगे। इसी तरह Digital Specialist Engineer (Trainee) को सालाना ₹7 लाख रुपये मिलेंगे।
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मनीकंट्रोल की रिपोर्ट में इन्फोसिस ग्रुप के CHRO शाजी मैथ्यू के हवाले से कहा गया है कि कंपनी सभी सर्विस लाइनों में AI-फर्स्ट स्ट्रैटेजी अपना रही है। इससे मौजूदा कर्मचारियों को अपस्किल करने और खास स्किल वाले नए टैलेंट को हायर करने की जरूरत बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि हमारी अर्ली-करियर हायरिंग कैंपस और ऑफ-कैंपस दोनों चैनल्स से होती है। हमने स्पेशलिस्ट प्रोग्रामर ट्रैक में भी मौके बढ़ाए हैं, जिसमें सैलरी 21 लाख रुपये सालाना तक पहुंच सकती है।