प्रतीकात्मक तस्वीर
Indian Share Market: इस हफ्ते शेयर मार्केट का कारोबार काफी धीमा रहा है। इस दौरान BSE का सेंसेक्स 863.18 अंक नीचे गिरकर 80,599.91 पर क्लोज हुआ। साथ NSE का निफ्टी 271.65 अंको की गिरावट के साथ 24,565.35 अंक पर क्लोज हुआ हैं।
मार्केट में आयी गिरावट के बारे में एक्सपर्ट्स ने शनिवार को कहा कि अमेरिका द्वारा इंडियन इंपोर्ट पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाने के कारण मार्केट के सेंटीमेंट पर नेगेटिव असर हुआ है। इससे FII की बिकवाली भी बढ़ी है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा है कि इस हफ्ते मार्केट अलर्ट, आशावाद और रक्षात्मक रुख के बीच एक दायरे में कारोबार कर रहा था, लेकिन एफआईआई की लगातार निकासी के चलते बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ। ग्लोबल फ्रेंडली कंडीशन के बीच, निवेशकों ने घरेलू संकेतों को प्राथमिकता दी हैं। वहीं, एफएमसीजी शेयर आकर्षक मूल्यांकन और बाहरी झटकों से सुरक्षा के कारण तेजी के साथ बंद हुए।”
एचयूएल, इमामी और डाबर इंडिया जैसी कंपनियों की ओर से पहली तिमाही के मजबूत नतीजों के बाद FMCG शेयरों में तेजी से उछाल आया, जिससे निफ्टी एफएमसीजी इंडेक्स लगभग 1 फीसदी बढ़कर बंद हुआ। अमेरिकी ट्रे़ड टैरिफ को लेकर चिंताओं के बीच ऑटो, मेटल, आईटी और फार्मा जैसे प्रमुख सेक्टरों में 2-3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी टैरिफ का इंडियन मार्केट पर सीधा असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि मुख्य एक्सपोर्ट रत्न एवं आभूषण, चमड़ा और टेक्सटाइल जैसी पारंपरिक वस्तुओं का होता है, जिनका लिस्टेड मार्केट में बड़ा प्रतिनिधित्व नहीं है। उनका मानना है कि टैरिफ से जुड़ी ज्यादातर चिंताएं पहले ही सामने आ चुकी हैं, और इसमें भारी गिरावट की उम्मीद बेहद कम है। इस हफ्ते के दौरान, टेक्नोलॉजी सेक्टर की दिग्गज कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज यानी टीसीएस के शेयरों में 5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, क्योंकि कंपनी ने फाइनेंशियल ईयर 26 में लगभग 12,200 कर्मचारियों की छंटनी करने का ऐलान किया है।
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राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा कई देशों पर “रेसिप्रोकल” टैरिफ लागू करने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद, एशियाई, यूरोपीय और यूएस इंडेक्स फ्यूचर्स लगभग 1 प्रतिशत गिर गए। आदेश के अनुसार, टैरिफ की दरें 10 प्रतिशत से 41 प्रतिशत तक होंगी और ये टैरिफ सात दिनों में लागू होंगे। इस कदम से अमेरिका में महंगाई और ग्लोबल अर्थव्यवस्था के धीमे होने की संभावना बढ़ गई है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)