पेटेंट (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : भारतीय पेटेंट कार्यालय जिसे आईपीआर के नाम से भी जाना जाता है, ये विभाग जिसका मुख्य काम पेटेंट आवेदनों को स्वीकार करना है। इस विभाग ने पेटेंट के लिए आवेदनों के तुरंत निपटान के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए देश की जनता से इसको लेकर सतर्क रहने की मांग की है। आईपीआर ने कहा है कि ऐसे धोखेबाज वेबसाइट से इंटेलेक्टूअल प्रॉपर्टी यानी आईपी के आवेदनों का डेटा और स्टेटस इकट्टा कर रहे है और उन एप्लीकेशन को सरल बनाने के लिए पैसे की डिमांड कर रहे हैं।
पेटेंट, डिजाइन एवं ट्रेडमार्क महानियंत्रक कार्यालय ने सार्वजनिक सूचना में कहा है कि इसलिए उन सभी स्टेकहोल्डर्स को सलाह दी जाती है कि जो किसी भी प्रकार के आईपी आवेदन यानी अर्थात पेटेंट, डिजाइन, ट्रेडमार्क, जीआई यानी भौगोलिक संकेत, डिजाइन या कॉपीराइट के लिए आवेदन कर रहे हैं या कर चुके हैं, उन्हें ऐसे झूठे दावों का शिकार नहीं होना चाहिए और इनके लिए कोई धनराशि का भुगतान नहीं करना चाहिए।
इसमें कहा गया है कि इन एप्लीकेशन पर कानून के प्रावधानों के तहत सख्ती से कार्रवाई की जाती है और कार्यालय ऐसी किसी भी अनैतिक गतिविधि को कतई बर्दाश्त नहीं करता है। यदि किसी हितधारक से ऐसे दावे किए जाते हैं, तो उन्हें इस कार्यालय के संज्ञान में लाया जाए।
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सार्वजनिक सूचना में कहा गया है कि हमारे संज्ञान में आया है कि कई धोखेबाज हमारे कार्यालय की वेबसाइट से आईपी आवेदनों का डेटा तथा स्थिति यानी स्टेटस जमा कर रहे हैं। वे फोन कॉल और ईमेल के माध्यम से एप्वीकेंट्स को इस कार्यालय द्वारा उनके आवेदन स्वीकार करने के लिए पैसे देने के लिए कह रहे हैं। इसमें साथ ही कहा गया है कि उन्हें कानून के अंतर्गत ऐसे धोखाधड़ी करने वाले लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई शुरू करने का अधिकार है।
इनोवेशन और साइंटिफिकली प्रोग्रेस के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में इंटेलेक्टूअल प्रॉपर्टी यानी आईपी के संरक्षण की आवश्यकता को समझते हुए तथा यह मानते हुए कि यदि परिणामी आईपी को संरक्षित नहीं किया गया तो आविष्कारों के कई लाभ समाप्त हो जाएंगे, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने हाल के वर्षों में बौद्धिक संपदा के सृजन, संरक्षण, जागरूकता और व्यावसायीकरण के साथ-साथ आईपी अधिकारों के लिए एक अनुकूल आईसीटी-आईपीआर पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)