भारत और अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : भारत और अमेरिका के बीच में द्विपक्षीय ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर चर्चाएं तेज हैं। हाल ही में भारत की ओर से एक दल अमेरिका के वाशिंगटन से लौटा है। एक ऑफिसर ने इस बात की जानकारी दी है कि इस एग्रीमेंट को 9 जुलाई के पहले पूरा करने की संभावना है, लेकिन एग्रीकल्चर और ऑटोमोबाइल सेक्टर में कुछ मुद्दों को लेकर अभी भी बात नहीं है, इसलिए चर्चा अब भी जारी है।
भारत की ओर से जाने वाली टीम का नेतृत्व मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल कर रहे हैं। वे कॉमर्स डिपार्टमेंट में विशेष सचिव हैं। अधिकारी ने कहा कि वार्ता आखिरी फेज में है और इसके रिजल्ट का ऐलान 9 जुलाई से पहले होने की उम्मीद है, जो भारत सहित कई देशों पर लगाए गए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के 90-दिवसीय निलंबन की अवधि का आखिरी दिन है। अधिकारी ने कहा है कि इंडियन टीम वाशिंगटन से वापस आ गई है। वार्ता जारी रहेगी। एग्रीकल्चर और ऑटोमोबाइल सेक्टर में कुछ मुद्दे हैं जिन्हें हल करने की आवश्यकता है।
भारत ने ऑटोमोबाइल सेक्टर में 25 प्रतिशत टैरिफ को लेकर मुद्दा उठाया है। इसने विश्व व्यापार संगठन यानी डब्ल्यूटीओ की सुरक्षा समिति में इस मामले को उठाया है। भारत ने डब्ल्यूटीओ को यह भी बताया है कि उसने स्टील और एल्युमीनियम पर अमेरिकी टैरिफ के जवाब में चुनिंदा अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर जवाबी टैरिफ लगाने का अधिकार सुरक्षित रखा है।
भारत ने विश्व व्यापार संगठन यानी डब्ल्यूटीओ को भेजे एक लेटर में कहा है कि 26 मार्च, 2025 को अमेरिका ने भारत में बने या वहां से इंपोर्टेड पब्लिक व्हीकल और हल्के ट्रकों तथा कुछ व्हीलर स्पेयर पार्टर्स के इंपोर्ट पर 25 प्रतिशत मूल्यानुसार टैरिफ ग्रोथ के रूप में एक उपाय अपनाया है।
वाहन कलपुर्जों पर यह उपाय 3 मई, 2025 से असीमित अवधि के लिए लागू होगा। पिछले साल अमेरिका ने ग्लोबल लेवल पर 89 अरब डॉलर के वाहन कलपुर्जों का इंपोर्ट किया। इसमें मेक्सिको का हिस्सा 36 अरब डॉलर, चीन का 10.1 अरब डॉलर और भारत का हिस्सा सिर्फ 2.2 अरब डॉलर का था।
एग्रीकल्चर सेक्टर में, अमेरिका डेयरी प्रोडक्ट्स, सेब, वृक्षों से प्राप्त मेवों और आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों जैसे उत्पादों पर टैरिफ रियायतें चाहता है। हालांकि, राजनीतिक रूप से सेंसेटिव सेक्टर होने के कारण, भारत के लिए एग्रीकल्चर सेक्टर में कोई रियायत देना कठिन और चुनौतीपूर्ण होगा।
भारत ने अब तक जितने भी मुक्त व्यापार समझौते यानी एफटीए किए हैं, उनमें से किसी भी ट्रेड पार्टनरशिप के लिए डेयरी सेक्टर को नहीं खोला है। भारत ने अमेरिकी एग्रीकल्चर और डेयरी उत्पादों को टैरिफ रियायत देने पर अपना रुख कड़ा कर लिया है। इंडियन टीम 26 जून से 2 जुलाई तक अमेरिका के साथ अंतरिम व्यापार समझौते पर बातचीत के लिए वाशिंगटन में थी। ये वार्ता इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ट्रंप के जवाबी टैरिफ का निलंबन 9 जुलाई को खत्म हो रहा है। दोनों पक्ष उससे पहले वार्ता को अंतिम रूप देने पर विचार कर रहे हैं।
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2 अप्रैल को अमेरिका ने इंडियन प्रोडक्ट्स पर एडिशनल 26 प्रतिशत टैरिफ लगाया था, लेकिन इसे 90 दिनों के लिए निलंबित कर दिया था। हालांकि, अमेरिका द्वारा लगाया गया 10 प्रतिशत मूल शुल्क अभी भी लागू है। भारत अतिरिक्त 26 प्रतिशत शुल्क से पूरी छूट चाहता है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)