हॉस्पिटैलिटी सेक्टर (सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को भारत की संसद में बजट पेश करने वाली है। इस बजट से देश के हर सेक्टर को कुछ न कुछ उम्मीद है। साल 2025 के बजट को लेकर भारत का हॉस्पिटैलिटी सेक्टर भी उत्साहित हैं।
भारत के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में आने वाले 3 सालों में 10.5 प्रतिशत की अनुमानित चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर के साथ उल्लेखनीय बढ़त होने की संभावना जतायी जा रही है। ये बढ़त घरेलू और इंटरनेशनल टूरिज्म में उछाल और मीटिंग्स, इंसेंटिव्स, कॉन्फ्रेंस और एग्जीबिशन यानी माइस सेगमेंट के विस्तार से प्रेरित हो सकती है। जैसे जैसे केंद्रीय बजट 2025-26 के आने की तारीख करीब आ रही है, वैसे ही देश की अलग अलग इंडस्ट्री के लीडर्स इस स्पीड को बरकरार रखने के लिए किए जाने वाले सुधारों और पॉलिसी को लेकर अपनी उम्मीद जाहिर कर रहे हैं।
कॉनराड बेंगलुरु में वाणिज्यिक निदेशक शारिन जोसेफ़ बढ़ते यात्री आधार का समर्थन करने के लिए मजबूत इंफ्रास्क्रचर की जरूरत पर प्रकाश डालती हैं। वह कहती हैं कि व्यापार और छुट्टी के लिए एक डेस्टिनेशन के रूप में भारत की बढ़ती अपील देश भर में किए जा रहे महत्वपूर्ण निवेशों से पूरित है। इस बढ़ते यात्री आधार की डिमांडों को पूरा करने के लिए हॉस्पिटैलिटी इंफ्रास्क्रचर को मजबूत करना जरूरी है। दूरदर्शी नीतियाँ और सरकारी पहल भारत को हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म के लिए एक ग्लोबल सेंटर के रूप में स्थापित कर सकती हैं। जीएसटी को तर्कसंगत बनाना और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना होगा।
सेंट्रल पार्क में हॉस्पिटैलिटी के अध्यक्ष राजित सरदाना ग्लोबल कॉम्पीटिशन को बढ़ाने के लिए लक्जरी और प्रीमियम सेगमेंट के लिए जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने के महत्व पर जोर देते हैं। वे इंटीग्रेटेड रेसिडेंशियल हॉस्पिटैलिटी वेन्यू को बढ़ावा देने के लिए इंफ्रास्क्रचर, शहरी नियोजन और स्मार्ट सिटी पहलों में निवेश की भी वकालत करते हैं। सरदाना कहते है कि पर्यावरण, टूरिज्म और ग्रीन हॉस्पिटैलिटी पहलों के लिए प्रोत्साहन, टैक्स हॉलिडे और उभरते डेस्टिनेशन के लिए सब्सिडी ट्रेडिशनल सेंटर से परे विकास को बढ़ावा दे सकती है, जिससे स्थानीय समुदायों और अर्थव्यवस्था को लाभ होगा। वे व्यापार करने में आसानी के लिए सरलीकृत अनुपालन मानदंडों की आवश्यकता पर भी जोर देते हैं।
बेलोना हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज के प्रबंध निदेशक प्रशांत इस्सर तर्कसंगत जीएसटी दरों और टेक्नोलॉजी अपनाने के लिए प्रोत्साहन की आवश्यकता पर जोर देते हैं। वे कहते है कि अनुकूल लोन स्कीम्स और बेहतर टूरिज्म इंफ्रास्क्रचर रेवेन्यू और रोजगार पर गुणक प्रभाव पैदा कर सकता है। भविष्य की चुनौतियों के लिए क्षेत्र को तैयार करने के लिए कार्यबल विकास कार्यक्रम आवश्यक हैं।”
एस्पेक्ट ग्लोबल वेंचर्स की कार्यकारी अध्यक्ष अक्ष कंबोज तीन प्राथमिकताओं पर प्रकाश डालती हैं: लचीले व्यावसायिक घंटे, सुव्यवस्थित लाइसेंसिंग प्रक्रियाएँ और रेस्तरां के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट की बहाली। वे कहती है कि सुव्यवस्थित टैक्स स्ट्रक्चर और टिकाऊ संचालन के लिए प्रोत्साहन घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देते हुए ग्लोबल इंवेस्टमेंट को आकर्षित कर सकते हैं।
फर्न्स एन पेटल्स के संस्थापक और एमडी विकास गुटगुटिया ने फंडिंग और रेग्यूलेटरी लाभों तक पहुंच को आसान बनाने के लिए हॉस्पिटैलिटी को इंडस्ट्री का दर्जा देने का आह्वान किया है। वह टियर-2 और टियर-3 शहरों को नए टूरिज्म सेंटर के रूप में विकसित करने के महत्व को रेखांकित करते हैं। वे कहते है कि बेहतर कनेक्टिविटी और मॉडर्न टूरिज्म सुविधाओं में निवेश क्षेत्रीय पर्यटन क्षमता को खोल सकता है।
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रूबीस्टोन हॉस्पिटैलिटी के संस्थापक संदीप सिंह डिजिटल ट्रांसफॉर्मेंशन, ग्रीन टेक्नोलॉजी और एआई-संचालित समाधानों पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद करते हैं। वे कहते है कि बजट में वीजिटर्स की बदलती उम्मीदों के अनुकूल होने के लिए टिकाऊ टूरिज्म प्रोजेक्ट और वर्कफोर्स विकास को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।