पीपीएफ (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : केंद्र सरकार की ओर लंबे समय के निवेश के लिए चलायी जाने वाली पॉपुलर स्कीम पीपीएफ को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि सरकार ने अप्रैल से जून वाली तिमाही में पीपीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर को कायम रखा है। स्कीम के अंतर्गत इंवेस्टमेंट पर मिलने वाली ब्याज दर को फिलहाल नहीं बढ़ाया गया है। आइए आपको इस स्कीम और इस पर मिलने वाली ब्याज दर से जुड़ी सारी जानकारी देते हैं।
पीपीएफ स्कीम यानी पब्लिक प्रॉविडेंट फंड स्कीम सरकार की ओर से चलायी जाने वाली स्कीम है। इस स्कीम के अंतर्गत इंवेस्टर्स को निवेश पर टैक्स फ्री ब्याज मिलता है। स्कीम के अंतर्गत निवेश 15 सालों के लिए होता है यानी स्कीम का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल का है। पीपीएफ पर फिलहाल 7.1 प्रतिशत का सालाना फिक्स ब्याज मिलता है, जिसे सरकार की ओर से अप्रैल से जून तिमाही में नहीं बढ़ाया है। पब्लिक प्रॉविडेंट फंड स्कीम पर मिलने वाले ब्याज का रिव्यू सरकार हर तिमाही में करती है।
केंद्र सरकार की ओर से इंवेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए कई सारी स्कीम्स चलाई जाती है, जिनका उद्देश्य लोगों को निवेश के लिए प्रोत्साहित करना होता है। उन्हीं में से एक स्कीम यह स्मॉल सेविंग स्कीम है। इस योजना के अंतर्गत निवेशक 15 सालों के लिए निवेश करते हैं और खास बात यह है कि इसमें इंवेस्टमेंट पर शेयर मार्केट की उठा-पटक और बैंकों की ब्याज दरों को घटाने-बढ़ाने का असर नहीं पड़ता है।
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पीपीएफ के अंतर्गत निवेशकों को इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 80 सी के अंतर्गत टैक्स छूट दी जाती है। इस स्कीम में मिनिमम निवेश 500 रुपये सालाना है और मैक्सिमम निवेश 1.5 लाख रुपये सालाना है। इस स्कीम के अंतर्गत निवेश को सालाना निवेशकों की ओर से जमा करना जरूरी है। अगर कोई अपनी किश्त को मिस करता है, तो उसे 50 रुपये के पेनाल्टी के साथ बाकी के सालों तक निवेश करना होता है।