भारत vs चीन (सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : भारत की रिसर्च एजेंसी जीटीआरआई ने चीनी निर्यात के बारे में बड़ी बात कही है। बताया जा रहा है कि इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स यानी ईवी सेक्टर की भारतीय कंपनियों को प्रमुख कच्चे माल और मशीनरी के एक्सपोर्ट पर चीन के बैन के कारण देरी हो सकती है और बाकी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। इकोनॉमिक रिसर्च इंस्टीट्यूट जीटीआरआई ने गुरूवार को कहा है कि ये बैन भारत के द्वारा चीनी निवेश और वीजा पर लगाए जाने वाले बैन का रिएक्शन हो सकता है।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव यानी जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा है कि इससे जियो पॉलिटिकल स्ट्रेस और ट्रेड वॉर बढ़ने का भी संकेत मिलता है। हमें उम्मीद है कि भारत संबंधी बैन जल्द ही हट जाएंगे, क्योंकि इनसे चीन को भी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि ये भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर और ईवी सेक्टरों को प्रभावित करते हैं, लेकिन साथ ही ये चीन के अपने मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट के लिए भी नुकसानदायक हैं।
जीटीआरआई ने कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर और ईवी सेक्टर की भारतीय कंपनियों को देरी और व्यवधान का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि चीन कच्चे माल और मशीनरी के निर्यात को रोक रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को चीन की अनुचित डिमांड के प्रति मजबूत रहना चाहिए तथा लोकल मैन्यूफैक्चरिंग कैपेसिटी के प्रोडक्शन और सप्लाई चेन में विविधता लाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
श्रीवास्तव ने कहा है कि भारत खास तौर पर चीन के एक्सपोर्ट बैन के प्रति सेंसिटिव है, क्योंकि इसके कई उद्योग चीनी मशीनरी, मध्यवर्ती वस्तुओं और घटकों पर निर्भर हैं। चीन से भारत का इंपोर्ट 2023-24 में बढ़कर 101.73 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो 2022-23 में 98.5 अरब डॉलर था। सरकार ने 2020 में भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों के लिए किसी भी क्षेत्र में निवेश के लिए उसकी मंजूरी लेना अनिवार्य कर दिया था।
उन्होंने कहा है कि भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर एनर्जी और ईवी के लिए हाई क्वालिटी वाले घटकों के स्रोत के लिए जापान और दक्षिण कोरिया के साथ पार्टनरशिप को भी मजबूत करना चाहिए। इन देशों के साथ जुड़ने से भारत को चीन पर निर्भरता कम करने और अधिक लचीली सप्लाई चेन बनाने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चीन पर नए शुल्क लगाने की संभावना के बीच चीन ने महत्वपूर्ण खनिजों तथा उच्च प्रौद्योगिकी वाले उपकरणों पर निर्यात प्रतिबंध लगा दिए हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)