निर्मला सीतारमण, (केंद्रीय वित्त मंत्री )
नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्रेड एग्रीमेंट के लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका और यूरोपियन यूनियन यानी ईयू के साथ प्रस्तावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर वार्ता तेजी से आगे बढ़ रही है और जल्द ही इसे आखिर रूप दिया जाएगा।
साल 2030 तक 2,000 अरब अमेरिकी डॉलर के महत्वाकांक्षी टारगेट को पूरा करने के लिए एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने पहले ही संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया और 4 देशों के ईएफटीए यानी यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ ब्लॉक के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स पर साइन कर लिए हैं और ब्रिटेन के साथ बातचीत पूरी हो चुकी है।
वित्त मंत्री ने कहा है कि अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ बातचीत वास्तव में बेहद तेजी से जारी है और जल्द ही रिजल्ट पर पहुंच जाएगी। इंडिया एक्जिम बैंक द्वारा यहां आयोजित व्यापार सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि अब ज्यादा फ्री ट्रेड एग्रीमेंट करने पर जोर दिया जा रहा है।
देश के एक्सपोर्ट का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में गुड्स एंड सर्विस का टोटल एक्सपोर्ट 825 अरब अमेरिकी डॉलर के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया, जो 2023-24 के मुकाबले में 6 प्रतिशत की बढ़त है। उन्होंने कहा कि जहां ग्लोबल एक्सपोर्ट में सिर्फ 4 प्रतिशत की बढ़त हुई, वहीं भारत के एक्सपोर्टर्स ट्रेड मोर्चे पर ग्लोबल टेंशन के बाद तेजी से आगे बढ़ने और 6.3 प्रतिशत की बढ़त को पार करने में सफल रहे हैं।
उन्होंने एक्सपोर्टर्स को हर संभव मदद का भरोसा दिलाते हुए उनसे आग्रह किया कि वे इनोवेशन पर ध्यान केंद्रित करें तथा अपने उत्पादों के लिए नए मार्केट तलाशें। कार्यक्रम में वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू ने कहा कि भारत की ग्रोथ संभावनाएं उज्ज्वल बनी हुई हैं, जबकि वर्ल्ड इकोनॉमी भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और इससे उत्पन्न चुनौतियों से परेशान है। उन्होंने कहा है कि ग्लोबल लेवल पर सभी चुनौतियों के बाद भारत दुनिया में उम्मीद की किरण बना हुआ है।
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नागराजू ने कहा कि भारत का एक्सपोर्ट जिसे कॉमर्स मिनिस्ट्री ग्लोबल वैल्यू चेन से जोड़ने के कई प्रयास कर रहा है। वह चुनौतियों के बाद अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने कहा कि दवा तथा रत्न एवं आभूषण क्षेत्रों से एक्सपोर्ट में जुझारूपन देखने को मिल रहा है। इसमें वित्त मंत्रालय नीति, योजनाओं और वित्तीय सहायता के माध्यम से समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है। वित्तीय सेवा सचिव ने कहा है कि हमारी वित्तीय प्रणालियां पर्याप्त पूंजी और कम गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों के साथ मजबूत बनी हैं। उन्होंने कहा कि इससे भारत की फाइनेंशियल नीड्स को मजबूत सपोर्ट मिलता है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)