कश्मीर हैंडक्राफ्ट (सौ. सोशल मीडिया )
Kashmir Export: वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में कश्मीर से हैंडमेड प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट में जबरदस्त उछाल आया है। इस चालू वित्त वर्ष में इन प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट 300 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर चुका है। ये आंकड़ा पिछले 4 सालों में सबसे ज्यादा है। शनिवार को एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी है।
हस्तशिल्प एवं हथकरघा विभाग, कश्मीर के एक अधिकारी ने कहा है कि कश्मीर के फेमस शिल्प क्षेत्र को एक बड़ा बढ़ावा देते हुए, इस चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अलग-अलग विदेशी डेस्टिनेशन को 309.62 करोड़ रुपये के हैंडमेड प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट किया गया है, जो पिछले साल की समान तिमाही के 126.90 करोड़ रुपये से कहीं ज्यादा है।
अधिकारी ने कहा कि यह पिछले 4 सालों में पहली तिमाही के दौरान होने वाला सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट है। विभाग चालू वित्त वर्ष के दौरान 1,500 करोड़ रुपये से ज्यादा के क्राफ्ट्स एक्सपोर्ट का टारगेट बना रहा है। अधिकारी ने कहा है कि विदेशी डेस्टिनेशन को शिल्प उत्पादों के बढ़ते एक्सपोर्ट से कश्मीर के प्रसिद्ध कारीगरों और बुनकरों का कल्याण सुनिश्चित होता है।
पिछले साल, 733.59 करोड़ रुपये मूल्य के क्राफ्ट प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट किया गया था, जो अलग-अलग ग्लोबल चैलेंजेस के कारण काफी हद तक प्रभावित हुए थे। अधिकारी ने आगे कहा है कि कनी, सोज़नी शॉल और हाथ से बुने कालीन एक्सपोर्ट में लीडिंग बने हुए हैं, जबकि एक्सपोर्ट किए जाने वाले बाकी प्रोड्क्ट्स में क्रूएल, पेपर माचे, चेन स्टिच और लकड़ी की नक्काशी वाली वस्तुएं शामिल हैं।
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अधिकारी ने एक्सपोर्टर्स से सरकार द्वारा अधिसूचित एक्सपोर्ट सब्सिडी योजना का लाभ उठाने का आग्रह किया। कारीगर समुदाय के कल्याण के लिए सरकार की रणनीति पर प्रकाश डालते हुए, अधिकारी ने कहा कि विभाग का यहां भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान में एक डिजाइन स्टूडियो है और स्कूल ऑफ डिजाइंस एंड क्राफ्ट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट द्वारा परिकल्पित अनूठे प्रोटोटाइप हैं। अधिकारी ने कहा है कि हम प्रोफेशनल शेयर होल्डर्स से आग्रह करते हैं कि वे हाई लेवल ग्लोबल मार्केट्स में अपने प्रोडक्ट्स का मूल्यवर्धन करने के लिए इन डिजाइनों और पैकेजिंग मॉडलों का उपयोग करें।
(एजेंसी इनपुट के साथ)