सिगरेट और तंबाकू (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : सिगरेट और तंबाकू स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक पदार्थ हैं। इसीलिए इसकी खपत को कम करने के लिए सरकार उपयोगी कदम उठाने जा रही है। बताया जा रहा है कि भारत सरकार सिगरेट और तंबाकू से जुड़े हुए प्रोडक्ट्स पर कंपंसेशन सेस को हटाकर इन सामग्रियों पर जीएसटी बढ़ाने को लेकर विचार कर रही हैं।
सिगरेट और तंबाकूयुक्त पदार्थों पर मौजूदा समय में सेस और बाकी टैक्स के अलावा 28 प्रतिशत तक जीएसटी लगता है, जिससे टोटल इनडायरेक्ट टैक्स 53 प्रतिशत हो जाता है। सरकार जिन सुझावों पर विचार कर रही है उनमें से एक ये भी है कि जीएसटी को 40 प्रतिशत तक बढ़ाना और उसके ऊपर एक्स्ट्रा एक्साइज ड्यूटी लगाना है। सरकार का आइडिया कुछ इस प्रकार है कि कंपंसेशन सेस और दूसरे सेस को हटाने के बाद किसी तरह के रेवेन्यू का नुकसान ना हो, जो 31 मार्च 2026 के लिए तय है।
अधिकारियों ने ये कहा है कि सरकार का मन कंपंसेशन सेस को दूसरे सेस से रिप्लेस करने का नहीं हैं। अधिकारियों के अनुसार, साल 2026 के बाद से कंपंसेशन सेस के फ्यूचर पर जीएसटी काउंसिल का मंत्रिमंडल यानी जीओएम विचार विमर्श कर सकता है। एक अधिकारी ने ये भी कहा है कि सेस को प्रभावी नहीं माना जाता है। उम्मीद की जा रही है कि पैनल अपनी रिपोर्ट सौंपने से पहले सभी विकल्पों पर विचार करने वाला है। जिसके बाद जीएसटी काउंसिल सभी सिफारिशों को लेकर आखिरी फैसला लेगी।
सेहत के लिए हानिकारक माने जाने वाले सामान, सिगरेट और अन्य धुंआ रहित तंबाकू प्रोडक्ट्स पर वर्तमान में 28 प्रतिशत जीएसटी के अलावा कंपंसेशन सेस, नेशनल डिजास्टर कंटीजेंसी फीस और बेसिक एक्साइज ड्यूटी लगायी जाती है। हालांकि सिगरेट पर 53 प्रतिशत का कुल टैक्सेशन, जीएसटी और अन्य शुल्क अभी भी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन द्वारा रिकेमेंडेड 75 प्रतिशत रेट से काफी कम है। सिगरेट और पान मसाला तंबाकू और तंबाकू प्रोडक्ट्स सरकार के टैक्स रेवेन्यू में अहम योगदान देते हैं। इनसे साल 2022-23 में सरकार को 72,788 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी।
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अधिकारियों ने ये भी जानकारी दी है कि बैंच पर एक अन्य विकल्प के तौर पर कंपंसेशन सेस को हेल्थ सेस से बदलने का है, लेकिन कुछ राज्य इस फैसले के पक्ष में नहीं है। केंद्र भी सैद्धांतिक रुप से नया सेस लाने के पक्ष में नहीं है। सिगार और सिगरेट जैसे प्रोडक्ट्स पर 5 प्रतिशत कंपंसेशन सेस लगाया जाता है। इसके बाद प्रति हजार सिगरेट या सिगार पर 2,076 से 4,170 रुपये का अतिरिक्त स्पेसिफिक टैक्स लगाया जाता है, जो उनकी लंबाई, फिल्टर और वो फ्लेवर्ड है या नहीं इस पर निर्भर करता है।