राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ( सौजन्य : ट्विटर )
नई दिल्ली : गुरुवार को लोकसभा चुनाव के बाद जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहली बार दोनों सदनों में पहुंची थी तब उन्होंने दोनो सदनों की संयुक्त बैठक की । इस बैठक में उन्होंने अपना संबोधन रखा है। जिसमें उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा जुलाई में पेश किए जाने वाले आम बजट के बारे में भी विशेष टिप्पणी दी है। जिसमें उन्होंने आगामी बजट को लेकर कई ऐतिहासिक कदम उठाये जाने की बात कहीं है। साथ ही उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था के लिए प्रमुख आर्थिक निर्णय लेने की भी बात कही है।
मुर्मू ने 18वीं लोकसभा में पहली बार दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण में यह बात कही। उन्होंने कहा कि अगले संसद सत्र में सरकार द्वारा पेश किया जाने वाला बजट भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘बजट में प्रमुख आर्थिक एवं सामाजिक निर्णय लिए जाएंगे और कई ऐतिहासिक कदम उठाए जाएंगे। लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सुधारों की गति बढ़ायी जाएगी।”
राष्ट्रपति के अनुसार सरकार का मानना है कि निवेश के लिए राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धी सहकारी संघवाद की भावना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, पिछले दस साल में आठ प्रतिशत की दर से औसत विकास हुआ है जबकि यह कोई सामान्य काल नहीं था।
उन्होंने कहा, ‘‘यह विकास दर विश्व के विभिन्न हिस्सों में वैश्विक महामारी और संघर्ष के बीच हासिल की गयी है। यह पिछले दस वर्ष में सुधारों का परिणाम है। अकेले भारत ने वैश्विक विकास में 15 प्रतिशत का योगदान दिया है। मेरी सरकार भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम कर रही है।”
साथ ही बैंकिंग सेक्टर के लिए भी उन्होंने ये कहा है कि बैंकों की मजबूती उन्हें ऋण आधार बढ़ाने में सक्षम बनाती है, जो कि राष्ट्र की आर्थिक वृद्धि में योगदान देती है।
( एजेंसी इनपुट के साथ )