इंफ्रास्क्चर सेक्टर ( सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : 23 जुलाई को संसद में पेश होने वाले आम बजट को लेकर कई प्रकार की बाते सामने आ रही है। इस बजट को काफी सारे कयास लगाए जा रहे है। केंद्र सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वो वित्त वर्ष 2024-25 के पूर्ण बजट में इंफ्रास्क्चर सेक्टर के लिए अच्छे कैपिटल आउटले को बनाए रख सकती है। इस क्षेत्र से जुड़े कई विशेषज्ञों ने बजट से पहले इसको लेकर अपनी विशेष राय दी है।
इक्रा लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं सह-समूह प्रमुख (कॉर्पोरेट रेटिंग्स) आशीष मोदानी ने कहा कि भविष्य में सभी हितधारकों को समायोजित करने के लिए विभिन्न बुनयादी ढांचा उप-खंडों के बीच कुछ पुनः प्राथमिकताएं तय की जा सकती हैं। हालांकि, बुनियादी ढांचे के लिए पूंजीगत व्यय से स्वस्थ वृद्धि गति को बनाए रखने की संभावना है।”
मोदानी ने कहा, “सड़क, रेलवे और जल क्षेत्र में हम आगे भी मजबूत परिव्यय देखेंगे।” लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए गए अंतरिम बजट ने बुनियादी ढांचे के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान करके एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया था, जो 2023-24 के लिए पहले से ही आवंटित 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
सलाहकार कंपनी डेलॉयट के अनुसार, अंतरिम बजट में बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए किए गए आवंटन से स्पष्ट है कि धन की कभी कमी नहीं होगी। डेलॉयट के साझेदार अनुराग गुप्ता ने कहा, “यदि हम अंतरिम बजट को देखें तो…इस सरकार ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता स्पष्ट रूप से जाहिर की है।”
आगामी बजट में बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए उनकी उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर गुप्ता ने कहा, “पहली बात पूंजी आवंटन की है और मुझे लगता है कि इस मामले में उनका रिकॉर्ड काफी मजबूत है।” मोदानी ने कहा कि सरकार वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये के अपने पूंजीगत व्यय लक्ष्य को बरकरार रख सकती है।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को संसद में आम बजट पेश करने जा रही है। इस बजट में इंफ्रास्क्चर सेक्टर के लिए भी बजट में कुछ विशेष प्रावधान लाने की उम्मीद की जा रही है।
( एजेंसी इनपुट के साथ )