हेल्थकेयर सेक्टर (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए देश का बजट पेश करने वाली है। निर्मला सीतारमण के द्वारा पेश किया जाने वाला ये 8वां बजट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का ये दूसरा बजट होने वाला है। जून 2024 में अपने सहयोगी दलों के साथ सरकार बनाने के बाद, पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट जुलाई के महीने में पेश किया गया था।
हर बार की बजट की तरह, इस बार के बजट में सभी सेक्टरों को वित्त मंत्री से कुछ ना कुछ उम्मीद हैं। इसी सिलसिले में हेल्थ सेक्टर भी इस बार के बजट को लेकर काफी उत्साहित है। जहां देश की आम जनता महंगे इलाज से राहत चाहती है, वहीं दूसरी ओर अस्पताल और दवा बनाने वाली कंपनियां अपनी कमाई को बढ़ाना चाहती है।
देश के प्राइवेट अस्पताल इस बार के बजट में जीएसटी से राहत चाहते हैं, ताकि उनकी कमाई में बढ़त होने के साथ-साथ ही इलाज की लागत में लगने वाले खर्च को भी कम किया जा सकता है। एक निजी अस्पताल के सीएमडी ने कहा है कि भारत में हेल्थ सर्विस पर इनपुट जीएसटी को कम करने की बात कही है ताकि इलाज में लगने वाले खर्च की लागत को कम किया जा सके। हेल्थ सेक्टर से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि इंश्योरेंस प्रीमियम और क्लेम के बीच में एक बहुत बड़ा अंतर होता है, जिसे कम किया जाना काफी जरूरी है। उनका कहना है कि सरकार को इस बात पर ध्यान देकर एक पॉजिटिव कदम उठाना चाहिए।
हेल्थ सेक्टर से जुड़े एक अधिकारी ने कहा है कि पब्लिक हेल्थ फैसिलिटीज का बजट बढ़ाया जाना चाहिए और साथ ही प्राइवेट सेक्टर को भी मदद दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा है कि अगर सरकार इन बातों पर ध्यान देती है, तो निश्चित रुप से देश की आम जनता को बेहतर और सस्ती हेल्थ सर्विस दी जा सकती है। इसके साथ ही, जिन जगहों में हेल्थ सर्विस कम हैं, उन जगहों के इंफ्रास्क्रचर में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, ताकि छोटे शहरों, कस्बों और जिलों में भी सभी को बेहतर और सस्ता इलाज दिया जाना चाहिए।