भारतीय खिलौने (सौ. सोशल मीडिया )
मुंबई : भारतीय मानक ब्यूरो यानी बीआईएस के एक सीनियर ऑफिसर ने मंगलवार को भारतीय खिलौनों के बारे में एक जानकारी दी है। जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत में बने खिलौने की क्वालिटी स्टैंडर्ड ग्लोबल नॉर्म्स से कई गुना बेहतर हैं, जिसके कारण डोमेस्टिक मैन्यूफैक्चरर्स के लिए विदेशों में खिलौने एक्सपोर्ट करना आसान हो गया है।
बीआईएस ने घरेलू खिलौनों के लिए भौतिक, केमिकल और विद्युत सुरक्षा प्रावधानों समेत विस्तृत स्टैंडर्ड विकसित किए हैं। ये मानक अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन यानी आईएसओ और अंतरराष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन यानी आईईसी के मानदंडों के अनुरूप हैं।
केंद्र सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग यानी डीपीआईआईटी ने खिलौना गुणवत्ता नियंत्रण आदेश, 2020 जारी किया था जो एक जनवरी, 2021 से लागू है। इस क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर के अंतर्गत भारत में बिकने वाले सभी खिलौनों को 7 इंडियन स्टैंडर्ड का पालन करना और वैलिड बीआईएस लाइसेंस के अंतर्गत आईएसआई निशान का इस्तेमाल करना आवश्यक है।
बीआईएस, मुंबई के पश्चिमी क्षेत्रीय कार्यालय प्रयोगशाला यानी डब्ल्यूआरओएल के वैज्ञानिक एवं कार्यकारी निदेशक अद्भुत सिंह ने कहा कि खिलौना मानक भारतीय मौसम की स्थिति और अन्य घरेलू जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं, और इनकी वजह से भारतीय खिलौनों की सेल्स बढ़ाने में मदद मिली है। हालांकि शोध संस्थान ‘ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव’ यानी जीटीआरआई की रिपोर्ट कहती है कि भारत का टॉय एक्सपोर्ट वित्त वर्ष 2023-24 में मामूली रूप से घटकर 15.23 करोड़ डॉलर हो गया, जो उसके 1 साल पहले 15.38 करोड़ डॉलर था।
फिलहाल देश में बीआईएस प्रमाणित 1,640 टॉय यूनिट्स हैं जिनमें से 1,165 लाइसेंस नॉन इलेक्ट्रॉनिक टॉय्स बनाने के हैं। जेफिर टॉयमेकर्स प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोइज गबाजीवाला ने कहा कि बीआईएस मानकों ने इनोवेशन को बढ़ावा दिया है और प्रतिस्पर्धा के लिए समान अवसर पैदा किए हैं, जिससे कंपनी का कारोबार काफी बढ़ा है।
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गबाजीवाला की कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में 25 करोड़ रुपये का रेवेन्यू अर्जित किया था और वित्त वर्ष 2025-26 में 20 प्रतिशत की ग्रोथ का टारगेट रखा है। बीआईएस के सीनियर ऑफिसर ने कहा कि बीआईएस वैरिफिकेशन से यह सुनिश्चित होता है कि खिलौने दम घुटने, तेज किनारों या सीसा और थैलेट जैसे जहरीले पदार्थों से फ्री हों जिससे बच्चों के लिए उनका उपयोग पूरी तरह सुरक्षित रहे। छोटे मैन्यूफैक्चकर्स की मदद के लिए बीआईएस ने शुरुआती 3 साल के लिए आंतरिक परीक्षण शर्तों में छूट दी है, लेकिन उन्हें बीआईएस से मान्य किसी प्रयोगशाला से नियमित परीक्षण करवाना होगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)