एनसीएलटी (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : एंटरटेनमेंट सेगमेंट की 2 सबसे बड़ी कंपनियों के विलय के मामले को लेकर अब राहत की खबर सामने आयी है। इस मर्जर के खिलाफ एक्सिस फाइनेंस, आईडीबीआई बैंक और आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज ने एनसीएलटी में दायरल की गई याचिकाओं को वापस ले लिया है। दरअसल, एनसीएलटी ने इन दोनों कंपनियों के विलय को मंजूरी देने का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ इन बैंकों ने अपीलीय न्यायाधिकरण के सामने इस विलय को खारिज करने की याचिका दायर की थी।
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने याचिकाओं को वापस लेने की अनुमति देते हुए कहा कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने 10 अगस्त, 2023 के अपने पहले के आदेश को इस महीने वापस ले लिया था, जिसमें जी एंटरटेनमेंट के सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के साथ विलय को मंजूरी दी गई थी। एनसीएलएटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति अशोक भूषण और सदस्य बरुण मित्रा की पीठ ने कहा, “अपीलकर्ताओं के अधिवक्ता ने कहा कि एनसीएलटी ने पहले ही विलय योजना वापस ले ली है। इसलिए अपीलकर्ता प्रार्थना करते हैं कि उन्हें अपील वापस लेने की अनुमति दी जाए। प्रार्थना स्वीकार की जाती है।”
जी द्वारा इसे वापस लेने के लिए आवेदन करने के बाद एनसीएलटी ने अपना आदेश वापस ले लिया था। कंपनी ने कहा था कि विलय करार को आगे बढ़ाने की समग्र योजना समाप्त हो गई है। ऐसे में इस मामले में समापन तिथि नहीं आई है और योजना आगे नहीं बढ़ी है।
ज़ी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया ने 27 अगस्त को 10 अरब डालर के असफल विलय से संबंधित अपने छह महीने पुराने विवाद को सुलझाने की घोषणा की थी और एक दूसरे के खिलाफ सभी दावों को वापस लेने पर सहमति व्यक्त की थी। एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने इससे पहले 10 अगस्त, 2023 को जी और सोनी के विलय को मंजूरी दी थी। इससे देश में 10.5 अरब डॉलर की मीडिया इकाई अस्तित्व में आती।
गौरतलब है कि जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स के बीच में 10 अरब डॉलर का प्रस्तावित विलय समझौता होना तय था, जो किसी कारणवश निरस्त हो गया था। इसके निरस्त होने के बाद एक नया विवाद शुरू हो गया था, जिसे अब सुलझा लिया गया है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)