नीतीश कुमार और विजय चौधरी, फोटो- सोशल मीडिया
Bihar Assembly Election 2025: बिहार की राजनीति में विजय कुमार चौधरी का नाम एक प्रतिष्ठित और प्रभावशाली नेता के रूप में दर्ज है। उनकी लंबी राजनीतिक यात्रा, प्रशासनिक सूझबूझ और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति उनकी अटूट निष्ठा उन्हें राज्य की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में सबसे महत्वपूर्ण पदों पर स्थापित करती है।
विजय कुमार चौधरी का जन्म 8 जनवरी 1957 को समस्तीपुर जिले के दलसिंहसराय में हुआ था। उन्हें राजनीतिक विरासत अपने पिता स्वर्गीय जगदीश प्रसाद चौधरी से मिली, जो स्वयं एक स्वतंत्रता सेनानी थे और तीन बार विधायक के रूप में अपनी सेवाएँ दे चुके थे। चौधरी ने अपनी उच्च शिक्षा पटना विश्वविद्यालय से प्राप्त की, जहाँ उन्होंने इतिहास विषय में स्नातकोत्तर (एम.ए.) की डिग्री हासिल की।
उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1982 में की, जब उन्होंने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर दलसिंहसराय विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव जीता। इसके बाद 1985 और 1990 के चुनावों में भी उन्होंने लगातार जीत दर्ज की, जिससे उनकी राजनीतिक पकड़ मजबूत हुई।
2005 में, विजय कुमार चौधरी ने एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम उठाते हुए जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का दामन थाम लिया। यह निर्णय उनके राजनीतिक जीवन के लिए एक नई दिशा साबित हुआ। जेडीयू में शामिल होने के बाद, उन्होंने सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता और तुरंत ही जल संसाधन मंत्री के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाली।
जेडीयू में रहते हुए, उन्होंने न केवल सरायरंजन सीट से 2010 से लगातार जीत हासिल की, बल्कि पार्टी संगठन में भी कई अहम भूमिकाएं निभाईं। वह पहले पार्टी के प्रवक्ता बने और बाद में प्रदेश अध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाली। उनकी संगठनात्मक क्षमता और राजनीतिक दूरदर्शिता ने उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे विश्वसनीय सलाहकारों में से एक बना दिया।
विजय कुमार चौधरी का प्रशासनिक अनुभव व्यापक है। उन्होंने नीतीश सरकार में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का सफलतापूर्वक कार्यभार संभाला है, जिनमें वित्त, शिक्षा, कृषि, सूचना एवं जनसंपर्क, ग्रामीण विकास, भवन निर्माण और जल संसाधन मंत्रालय शामिल हैं। इस समय, वे संसदीय कार्य और जल संसाधन मंत्री के रूप में कार्यरत हैं।
उनकी प्रशासनिक और राजनीतिक क्षमता का सबसे बड़ा प्रमाण तब मिला जब 2015 में बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी। उस दौर में, उन्हें विधानसभा अध्यक्ष जैसे संवैधानिक रूप से महत्वपूर्ण पद पर चुना गया और उन्होंने 2020 तक इस पद की गरिमा बनाए रखी।
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आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिदृश्य में, विजय कुमार चौधरी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रहने वाली है। उनका अनुभव न केवल चुनाव रणनीति बनाने में सहायक होगा, बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एजेंडे को जमीन पर उतारने और विभिन्न सरकारी विभागों के बीच समन्वय स्थापित करने में भी उनका योगदान निर्णायक साबित होगा। उनकी प्रतिष्ठा और साफ छवि जेडीयू के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है।