लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव।
Bihar Politics: इस बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ी शिकस्त मिलने के बाद राजद के अंदर असंतोष के ज्वालामुखी फटने के दावे किए जा रहे हैं। ऐसे में सियासी गलियारों में ऑपरेशन तीर की चर्चाएं जोरों पर हैं। चर्चा है कि राज्यसभा चुनाव में राजद टूटने वाली है। यह दावा जदयू के प्रवक्ता एवं विधान पार्षद नीरज कुमार का है। उन्होंने दावा किया है कि राजद के कई विधायक सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले दल जदयू के संपर्क में हैं। नीरज ने कहा कि राज्यसभा की पांचों सीटें एनडीए के खाते में जाएंगी।
महागठबंधन के पास प्रस्तावक की संख्या तक नहीं बचेगी। राजद की मुश्किलें सिर्फ पार्टी में ही नहीं, बल्कि लालू परिवार के अंदर भी बढ़ी हैं। हाल में लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने तेजस्वी के करीबियों पर गंभीर आरोप लगाकर परिवार की कलह को सार्वजनिक कर दिया था। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि परिवार की अंदरूनी टकराहट और चुनाव में मिली हार ने विधायकों को सुरक्षित भविष्य की तलाश करने पर मजबूर कर दिया है। अप्रैल में बिहार से खाली हो रहीं राज्यसभा की पांच सीटों पर चुनाव है। नीरज ने दावा किया है कि राज्यसभा चुनाव के लिए महागठबंधन के पास प्रस्तावक की संख्या भी नहीं बचेगी। ऐसे में नया साल लालू परिवार के अच्छा नहीं हो सकता है।
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि प्रस्तावक तो चाहिए और प्रस्तावक उनसे सहमत होगा तब ना, उनकी पार्टी का विधायक बहुत बेचैनी में है। दावा किया जा रहा कि तेजस्वी यादव की पार्टी के 18 विधायक जदयू के संपर्क में हैं। ये जल्द लालटेन का साथ छोड़कर तीर थाम सकते हैं। जदयू नेता के दावे में कितना दम है यह तो राज्यसभा चुनाव के वक्त पता चलेगा। अभी राज्यसभा की एक सीट के लिए 41 विधायकों की दरकार होगी। महागठबंधन के पास 35 विधायक ही हैं। नीरज के दावे पर कांग्रेस और राजद के नेताओं ने पलटवार किया है। राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि महागठबंधन और राजद के विधायक एकजुट हैं। आपकी बेचैनी तेजस्वी के इर्द-गिर्द घूमती है और तेजस्वी फोबिया के शिकार आप हैं।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि एनडीए केवल अपनी विफलताएं छिपाने के लिए इस तरह की अफवाहें फैला रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता असितनाथ तिवारी ने कहा कि नीरज पहले यह बताएं कि राज्यसभा चुनाव तक उनकी पार्टी बचेगी। अरे महाराज! चुनाव के पहले आपकी पार्टी खत्म होने जा रही है। वहीं, भाजपा विधायक इंजीनियर शैलेंद्र ने कहा कि नीतीश के विकास मॉडल से प्रभावित होकर विपक्ष के कई माननीय सदस्य एनडीए का हिस्सा बनना चाह रहे हैं। राजद अब नेतृत्वविहीन पार्टी बन चुकी है।
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भाजपा नेता ने कहा कि चुनाव हारते ही तेजस्वी विदेश चले गए। उनके विधायक यहां हताश और निराश हैं। नेतृत्व की इस कमी के कारण राजद में भगदड़ तय है। इस बीच राजद के कुछ नेताओं का कहना है कि उनके विधायकों का एक बड़ा गुट नेतृत्व से बेहद नाराज है। विधायकों की नाराजगी की मुख्य वजह तेजस्वी का व्यवहार और उनके करीबी संजय यादव का पार्टी पर बढ़ता दबदबा है। फिलहाल खरमास (अशुभ समय) चल रहा, इसलिए दावों के मुताबिक पाला बदलने की यह प्रक्रिया रुकी है। नए साल के शुरुआती महीनों में बिहार की राजनीति में बड़ा धमाका होने के संकेत मिल रहे हैं।