पीएम मोदी व नीतीश कुमार (कॉन्सेप्ट फोटो)
Bihar Politics: बिहार में विधानसभा चुनाव के ‘सियासी महाभारत’ का औपचारिक शंखनाद होना अभी भले ही बाकी है, लेकिन राजनैतिक दलों और राजनेताओं ने कमर कस ली है। सियासतदानों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। इसी कड़ी में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के नेता का बड़ा बयान सामने आया है।
भाकपा(माले) के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि यह चुनाव बदलाव का है। बिहार की जनता बेसब्री से चुनावों का इंतज़ार कर रही है क्योंकि वह इस सरकार से मुक्ति चाहती है। इस चुनाव में भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा होगा। उन्होंने गुरुवार को भागलपुर के सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए यह बात कही।
भट्टाचार्य ने कहा, “केंद्र में नरेंद्र मोदी और राज्य में नीतीश कुमार सत्ता में हैं। दोनों पार्टियों ने जनता से जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं हुए हैं। काम उन वादों के विपरीत हुआ है। लोगों से विकास का वादा किया गया था, लेकिन गरीबी, बेरोजगारी और पलायन बढ़ गया है। लोग कर्ज के बोझ तले दबे हैं। सुशासन के वादों के बावजूद भ्रष्टाचार और अपराध चरम पर हैं।”
दीपांकर ने कहा, “जमीनी स्तर पर भी भ्रष्टाचार बढ़ा है। बिहार सरकार ने CAG को 70,000 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं दिया है। अब, मंत्रियों के भी भ्रष्टाचार में शामिल होने के बड़े खुलासे हो रहे हैं। लेकिन भाजपा और जदयू इन आरोपों पर क्यों नहीं बोल रही है?” प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुप क्यों हैं? जनता सब समझती है।
भट्टाचार्य ने जनसुराज प्रमुख प्रशांत किशोर को भी नहीं बख्शा। उन्होंने प्रशांत किशोर से सवाल किया कि तीन साल में उनके पास 240 करोड़ रुपये कहां से आए? किस व्यक्ति, पार्टी या कंपनी ने यह रकम परामर्श शुल्क या चुनावी चंदे के रूप में दी? यह भी जनता के सामने आना चाहिए।
यह भी पढ़ें: Bihar Pre Election Survey: राहुल-तेजस्वी ने किया खेल या हुए फेल, नीतीश-PK में कौन बनेगा ‘सम्राट’?
दीपांकर तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के गांधी विचार मंच परिसर में गांधीजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पीरपैंती जा रहे थे। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार ने पीरपैंती में किसानों की जमीन अडानी पावर लिमिटेड को कम दाम पर दे दी है, जो गलत है। एक रुपये में इतनी जमीन देना और लाखों पेड़ों की बलि देना यहां के लोगों को मंजूर नहीं है।”