पीएम मोदी (Image- Social Media)
Bihar Politics: बिहार चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई चाल चलकर अप्रत्याशित रूप से विपक्ष के सामने एक नई परेशानी खड़ी कर दी। राजद नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जिस तरह से पिछड़ा, अति पिछड़ा और दलित को साधने का लगातार प्रयास कर रहे हैं उनके सामने पीएम मोदी ने एक बड़ा प्रश्न चिह्न लगा दिया है। जानिए बिहार चुनाव से पहले कैसे पीएम मोदी ने बड़ी बाजी खेल दी है।
बिहार चुनाव से ठीक पहले लाल किला के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की 200वी जयंती धूमधाम से मनाने का ऐलान करके समता मूलक समाज को आवाज दे दी है। वो समता मूलक समाज जिसमें ज्योतिबा फुले महिला, अति पिछड़े और दलित के उत्थान के नायक कहे जाते हैं। भाजपा इस बड़े वोट बैंक को प्रभावित कर अपनी राजनीति को सकारात्मक सियासत में बदलकर एक बड़े वर्ग को प्रभावित करना चाहती है।
बता दें कि इन दिनों राजद और कांग्रेस पार्टी मुस्लिम और यादव के अलावा अन्य जातियों के वोट को अपने पक्ष में लाने की रणनीति पर काम कर रही है। खास कर दलित समुदाय के करीब 19 प्रतिशत पर निशाना साधते कांग्रेस ने न सिर्फ बिहार प्रभारी दलित नेता कृष्णा अल्लाबरू को बनाया बल्कि प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम को बनाया है। इसके अलावा पूर्व मंत्री छेदी राम, संजीव टोनी, विश्वनाथ राम, प्रतिमा दास, नागेंद्र पासवान सहित अन्य कांग्रेसी नेता ने एनडीए के विरुद्ध जंग छेड़ दी है। यहां तक कि वोट अधिकार यात्रा भी बाबू जगजीवन राम की जन्मस्थली सासाराम से शुरू होगी।
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बिहार की आधी आबादी को भी अपने प्रभाव में रखने वाले नीतीश कुमार को इन दिनों चुनौती आरजेडी से मिलने लगी है। तेजस्वी यादव ने माई बहन योजना का नारा दे कर महिलाओं को अपने पाले में करने की भरपूर कोशिश की। इस मामले में नीतीश कुमार ने पहले ही मां बहन योजना की स्वीकृति दे कर तेजस्वी यादव को करारा जवाब दे डाला। प्रधानमंत्री मोदी ने ज्योति बा के बहाने आधी आबादी को साधने की कोशिश कर दी है।