EV को लेकर सरकार का बड़ा फैसला। (सौ. Design)
नवभारत ऑटोमोबाइल डेस्क: भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की मांग तेजी से बढ़ रही है, और इसे बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार अहम फैसले ले रही है। इसी कड़ी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार, 25 मार्च 2025 को एक बड़ा ऐलान किया। सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में इस्तेमाल होने वाली बैटरियों के निर्माण से जुड़े 35 कैपिटल गुड्स पर इंपोर्ट ड्यूटी हटाने का निर्णय लिया है। इस फैसले से ईवी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बड़ा फायदा मिलेगा और भारत में इलेक्ट्रिक कारों की कीमतों में कमी आ सकती है।
वित्त मंत्री ने संसद में फाइनेंस बिल 2025 पेश करते हुए कहा कि सरकार घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और एक्सपोर्ट क्षमता को मजबूत करने के लिए कच्चे माल पर आयात शुल्क कम कर रही है। “हम चाहते हैं कि भारत में ईवी बैटरियों का उत्पादन बढ़े और देश आत्मनिर्भर बने,” वित्त मंत्री ने कहा। वर्तमान में भारत 35 ऐसे कैपिटल गुड्स आयात करता है, जिनका उपयोग इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरियों के निर्माण में किया जाता है। इंपोर्ट ड्यूटी हटाने से भारतीय कंपनियों को उत्पादन में मदद मिलेगी और देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की उपलब्धता बढ़ेगी।
अमेरिका ने 2 अप्रैल 2025 से कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लिए गए इस फैसले का असर भारत पर भी पड़ सकता है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के पहले चरण में टैरिफ कम करने पर बातचीत करेगी। सरकार अमेरिका से आयात होने वाली 1.9 लाख करोड़ रुपये (23 बिलियन डॉलर) की वस्तुओं पर आयात शुल्क कम करने के विकल्प पर विचार कर रही है, ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलित बना रहे।
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सरकार का यह फैसला इलेक्ट्रिक व्हीकल उद्योग के लिए एक बड़ा कदम है। संसदीय समिति की हाल ही में हुई बैठक में यह सुझाव दिया गया था कि घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए कच्चे माल पर इंपोर्ट ड्यूटी कम की जाए। अब सरकार ने ईवी बैटरियों और मोबाइल बैटरियों पर इंपोर्ट ड्यूटी पूरी तरह से हटा दी है। इसका सीधा फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा, क्योंकि इससे इलेक्ट्रिक कारों की कीमत में कमी आ सकती है।
भारत सरकार के इस फैसले से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग को मजबूती मिलेगी और आम लोगों के लिए ईवी खरीदना ज्यादा किफायती होगा। आयात शुल्क हटने से न सिर्फ ईवी बैटरियों का उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि भारत ग्लोबल ईवी मार्केट में भी प्रतिस्पर्धा कर सकेगा। आने वाले समय में यह फैसला भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है।