DC Avanti में क्या कुछ है खास। (सौ. DC)
नवभारत ऑटोमोबाइल डेस्क: डीसी अवंती को भारत की पहली स्वदेशी सुपर स्पोर्ट्स कार होने का गौरव प्राप्त था। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया था कि यह लैम्बॉर्गिनी और फरारी जैसी लग्जरी कारों को टक्कर दे सके। इसकी स्टाइलिश लुक और दमदार स्पीड के कारण सड़क पर चलते ही लोग इसे निहारने के लिए अपनी गाड़ी की रफ्तार कम कर देते थे। हालांकि, इतनी शानदार कार होने के बावजूद यह बाजार में सफल नहीं हो पाई। आखिर इसकी असफलता की वजहें क्या थीं? आइए जानते हैं।
1. ऊंची कीमत और विदेशी ब्रांड्स से प्रतिस्पर्धा
डीसी अवंती की कीमत 34 लाख रुपये थी, जो कि भारतीय उपभोक्ताओं के लिए काफी अधिक थी। इस बजट में बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज, ऑडी जैसी प्रतिष्ठित विदेशी कारें भी उपलब्ध थीं, जिनकी ब्रांड वैल्यू और विश्वसनीयता अधिक थी।
2. डिजाइन जो सबको पसंद नहीं आया
हालांकि डीसी अवंती का फ्यूचरिस्टिक डिजाइन आकर्षक था, लेकिन यह सभी उपभोक्ताओं की पसंद पर खरा नहीं उतर पाया। कुछ लोगों को यह डिजाइन बेहद साधारण लगा, जबकि कुछ इसे जरूरत से ज्यादा अलग मानते थे।
3. कमजोर निर्माण गुणवत्ता
ग्राहकों ने डीसी अवंती की तकनीकी खराबियों और निर्माण गुणवत्ता को लेकर शिकायतें दर्ज कराईं। इंटीरियर क्वॉलिटी, फिनिशिंग और इंजन परफॉर्मेंस को लेकर भी कई सवाल उठाए गए।
4. अनुभवहीन ब्रांडिंग और मार्केटिंग
डीसी कंपनी सुपरकार निर्माण के क्षेत्र में नई थी और इसकी ब्रांडिंग बहुत मजबूत नहीं थी। उपभोक्ताओं को इस नए ब्रांड पर भरोसा करने में झिझक हुई। साथ ही, कंपनी ने इस कार का प्रचार-प्रसार भी सही तरीके से नहीं किया, जिससे यह ज्यादा लोगों तक नहीं पहुंच पाई।
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5. सर्विस नेटवर्क की कमी
किसी भी कार की सफलता में उसकी अफ्टर-सेल्स सर्विस का बड़ा योगदान होता है। डीसी के पास सीमित सर्विस सेंटर थे, जिससे ग्राहकों को समय पर सर्विस और स्पेयर पार्ट्स नहीं मिल पाते थे। इससे लोगों का भरोसा टूट गया।
डीसी अवंती भारत की पहली स्वदेशी सुपर स्पोर्ट्स कार होने के बावजूद बाजार में टिक नहीं पाई। इसकी ऊंची कीमत, औसत डिजाइन, कमजोर निर्माण गुणवत्ता और खराब ब्रांडिंग ने इसे असफल बना दिया। यह एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट था, लेकिन कुछ कमियों के कारण यह भारतीय बाजार में अपनी जगह नहीं बना सकी।