Bamboo से बनेगा इधंन। (सौ. Freepik)
Arunachal Pradesh 2G Ethanol Plant: अरुणाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री ओजिंग तासिंग ने घोषणा की है कि राज्य सरकार बांस को रिन्युएबल फीडस्टॉक के रूप में इस्तेमाल कर देश का पहला निजी 2G एथनॉल प्लांट स्थापित करने की योजना बना रही है। यह कदम राज्य को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में उठाया गया है। मंत्री ने ‘अरुणाचल प्रदेश टिकाऊ जैव-औद्योगिक विकास में अग्रणी’ विषय पर आयोजित सम्मेलन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लेने के बाद सोशल मीडिया पर यह जानकारी साझा की।
तासिंग ने इस परियोजना को राज्य के लिए हरित भविष्य की रूपरेखा तैयार करने वाला ऐतिहासिक मंच बताया। उन्होंने कहा, “यह महत्वाकांक्षी परियोजना केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि भारत के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में अरुणाचल प्रदेश के संकल्प का प्रतीक है।” बांस का उपयोग राज्य के प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह एथनॉल संयंत्र न केवल पर्यावरण-अनुकूल औद्योगीकरण को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए नए आर्थिक अवसर भी प्रदान करेगा। बांस आधारित एथनॉल उत्पादन से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ेगा और सतत विकास को गति मिलेगी।
एथनॉल एक स्वच्छ और नवीकरणीय ईंधन है, जिसका उपयोग वाहनों में पेट्रोल के विकल्प के रूप में किया जाता है। अब तक इसका उत्पादन मुख्य रूप से गन्ना और मक्के जैसी फसलों से किया जाता रहा है। इसे पेट्रोल में मिलाकर बेचा जाता है, जिससे पेट्रोल की खपत और प्रदूषण दोनों में कमी आती है। इसके साथ ही, किसानों को अतिरिक्त आय का स्रोत भी मिलता है।
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पेट्रोल में एक निश्चित मात्रा में एथनॉल मिलाया जाता है। वर्तमान में बाज़ार में E20 फ्यूल उपलब्ध है, जिसका मतलब है कि पेट्रोल में 20% एथनॉल मिला हुआ है। नई गाड़ियों के इंजन इस मिश्रण के अनुसार डिज़ाइन किए जाते हैं। इंजन में यह मिश्रण जलकर ऊर्जा पैदा करता है, जो पेट्रोल जितनी ही क्षमता देता है, लेकिन प्रदूषण अपेक्षाकृत कम करता है क्योंकि एथनॉल प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त होता है।
अरुणाचल प्रदेश का यह कदम न केवल स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांति लाएगा, बल्कि राज्य को आर्थिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी सशक्त बनाएगा। बांस आधारित 2G एथनॉल उत्पादन से भारत के हरित विकास मिशन को नई दिशा मिलेगी।