शरद पूर्णिमा के दिन चांद की रोशनी में क्यों रखी जाती है खीर, जानिए  

By - Deepika Pal

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शरद पूर्णिमा 2024

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इस साल यह पूर्णिमा अश्विन माह के शुक्ल पक्ष यानि 16 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

कब हैं तिथि

  शरद पूर्णिमा को  'शरद पूनम' या 'रास पूर्णिमा' भी कहते हैं जो शरद ऋतु के आने का संकेत देता है।

पूर्णिमा के कई नाम 

शरद पूर्णिमा की रात की चांद की रोशनी बेहद खास होती है जिस दिन चंद्रमा सोलह कलाओं के साथ चमकता है।

   चांद की रोशनी

शरद पूर्णिमा के दिन चांद की रोशनी में मौजूद तत्व  शरीर और मन को शुद्ध करते है। 

पॉजिटीव ऊर्जा

शरद पूर्णिमा की रात को दूध, चावल की खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखने का विधान है।

खीर का महत्व

कहते हैं कि, चंद्रमा की किरणों से खीर में अमृत जैसे औषधीय गुण आ जाते है।

मान्यता 

अगली सुबह ब्रह्म मुहूर्त में श्री विष्णु को उस खीर का भोग लगा कर सेवन या प्रसाद परिवार में बांटते हैं।

श्रीविष्णु को भोग

हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा को खास पूर्णिमा कहते है।

खास पूर्णिमा