वट सावित्री व्रत में क्यों चढ़ाया जाता हैं चने की ओकरी का प्रसाद

21 May 2025

By: Deepika Pal

NavBharat Live Desk

हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए करती है और इसके पीछे की मान्यता है।

वट सावित्री व्रत

All Source:Freepik

चने के आटे से बनी एक प्रकार की रोटी होती है। यह वट सावित्री व्रत में प्रसाद के रूप में चढ़ाई जाती है।

चने की रोटी

इस व्रत से सावित्री और सत्यवान की कथा का उल्लेख मिलता है। यमराज ने चने के रूप में सत्यवान के प्राण सावित्री को सौंप दिये।

पौराणिक कथा

 यह रोटी फाइबर, प्रोटीन, आयरन और विटामिन सी से भरपूर होती है।

पौष्टिक रोटी

सावित्री चने को लेकर सत्यवान के शव के पास आयी और चने को मुंह में रखकर सत्यवान के मुंह में फूंक दिया। इससे सत्यवान जीवित हुआ है।

चने का प्रसाद

 सावित्री जब यमराज से पति सत्यवान के प्राण छुड़ाने गई थी तब ही वट वृक्ष ने सत्यवान के शव की देख-रेख की थी। 

वट वृक्ष

सावित्री ने वट वृक्ष का आभार व्यक्त करने के लिए उसकी परिक्रमा की इसलिए वट सावित्री व्रत में वृक्ष की परिक्रमा का भी नियम है।

आभार व्यक्त

कहा जाता है कि, इस व्रत को रखने का महत्व होता है जिसे सुहागिन महिलाओं के अलावा कुंवारी कन्याएं रखते है।

व्रत का महत्व