By: Deepika Pal
NavBharat Live Desk
इस व्रत को पति की लंबी उम्र के लिए रखने के साथ घर में सुख-समृद्धि के लिए रखते है। बरगद की पूजा का महत्व होता है।
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वैदिक पंचाग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से शुरू होगी ।
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इस दिन कुछ चीजों को भूलकर भी व्रत के दौरान नहीं खाना चाहिए तो कुछ चीजें खा सकते है।
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भोग में चढ़ाने और पारण के लिए कई तरह के पकवान बनते है। व्रत में सिंघाड़े के आटे बने पकवान के साथ-साथ गुड़ और आटे से बना पकवान भी खाया जाता है।
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इस दिन चना, मीठी पूरी और पूए का भोग लगाकर प्रसाद के रूप में इसे ग्रहण कर सकते हैं।
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वट सावित्री व्रत में आम के मुरब्बा भी खाया जा सकता है।
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वट सावित्री व्रत के दिन तामसिक भोजन से दूरी बनाकर रखनी चाहिए, पूजा का फल नहीं मिलता है।
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इस दिन पर चावल और दाल से बनी चीजों का भी सेवन नहीं करना चाहिए।
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