By: Simran Singh
NavBharat Live Desk
ब्लैक वॉटर का काला रंग इन्हीं फुल्विक एसिड और मिनरल्स से आता है। ये मिनरल्स शरीर को डीटॉक्स करने और पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण में मदद करते हैं।
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इसका pH लेवल 8+ या उससे अधिक होता है, जिससे यह अल्कलाइन वॉटर कहलाता है। यह शरीर की एसिडिटी को न्यूट्रलाइज करता है और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है।
ब्लैक वॉटर में मौजूद मिनरल्स शरीर की थकान को कम करते हैं। स्पोर्ट्स और जिम करने वाले लोग इसे रिकवरी ड्रिंक के तौर पर पीते हैं।
इसमें जिंक, कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे ट्रेस मिनरल्स होते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। ये शरीर के मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाते हैं, जिससे एनर्जी लेवल बढ़ता है।
ब्लैक वॉटर शरीर से टॉक्सिन्स और फ्री रेडिकल्स को निकालने में मदद करता है। इससे स्किन, लिवर और किडनी की हेल्थ में सुधार होता है।
इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स स्किन को जवां बनाए रखते हैं। नियमित सेवन से स्किन ग्लोइंग और झुर्रियां कम होने में मदद मिलती है।
इसमें मौजूद इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर को लंबे समय तक हाइड्रेटेड रखते हैं। गर्मी या वर्कआउट के बाद यह साधारण पानी से ज्यादा असरदार साबित होता है।
सामान्य स्वस्थ व्यक्ति के लिए रोजाना ब्लैक वॉटर पीना जरूरी नहीं है। यह मुख्यतः एथलीट्स, फिटनेस लवर्स और हाई-एसिडिटी वाले लोगों के लिए फायदेमंद है।