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होलिका पर क्यों चढ़ाई जाती है गोबर की माला, ज्योतिष शास्त्र में बताया महत्व

13 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा इस दिन लकड़ियों को इकट्ठा करके पूजा के बाद जलाते है। इसमें गोबर की माला चढ़ाई जाती है जानिए इसका महत्व।

होलिका दहन 

होलिका दहन की रात महिलाएं गुलरी की माला बनाकर होली पर चढ़ाती हैं और पूजा करती हैं।

खास परंपरा

गोबर के उपले शुभता का प्रतीक माने जाते हैं इन्हे जलाने से निकले धुएं से आसपास की नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।

शुभता का प्रतीक 

  माना जाता है कि,  होली के दौरान गुलरियों को जलाने से घर की परेशानियां दूर होती हैं।

परेशानियां होती दूर 

इसके लिए गोबर के छोटे-छोटे बनाकर उसमें बीच से छेद करके सुखाया जाता है और उनकी माला बनाई जाती हैं।

गोबर से बनी गुलरियां

गाय की पूजा करने से कई ज्योतिष लाभ मिलते हैं, गाय के गोबर से बने उपले जलाने से घर का वातावरण शुद्ध बना रहता है।

घर का वातावरण

हिन्दू धर्म में गाय को पूज्यनीय माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है।

गाय