By - Sonali Jha Image Source: Instagram
भारतीय संस्कृति में हर जीव में ईश्वर के स्वरूप को देखते हैं।
किसी को अनजाने में भी अगर पैर छू जाए तो ऐसा माना जाता है कि उस व्यक्ति का अपमान हो गया है।
इसलिए भारतीय संस्कृति में गलती से किसी को पैर लग जाता है, तो उसे पैर छूते हैं।
सनातन धर्म में हमारी यह आस्था है की सभी में ईश्वर का निवास होता है इस वजह से हम किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर को छू जाने पर हम उन्हे प्रणाम करते हैं।
हिंदू धर्म में लोग बड़ों के पैर इसलिए छूते हैं क्योंकि यह परंपरा वैदिक काल से चली आ रही है।
बड़ों के पैर छूने से उस संस्कार का भी पता चलता है जो एक व्यक्ति ने अपने परिवार के लिए सीखा है।
ऐसा माना जाता है कि जब हम बड़ों के पैर छूते हैं तब बदले में हमें अपने बड़ों का आशीर्वाद मिलता है।
पैर छूने का एक तरीका है पूरी तरह से झुककर बड़ों के पैरों के अंगूठे का स्पर्श करना, जिससे इस व्यायाम का पूर्ण लाभ मिल सके।