By: Deepika Pal
NavBharat Live Desk
चारधाम की यात्रा में चारों धाम का महत्व होता है। बद्रीनाथ धाम से जुड़ी खास परंपरा के बारे में जानते है।
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ऐसी मान्यता है कि बद्रीनाथ धाम में कभी भी कुत्ते नहीं भौंकते, बिजली नहीं कड़कती, बादल नहीं गरजते है।
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एक ऐसा धार्मिक तीर्थ स्थल है, जहां नर-नारायण दोनों ही मिलते हैं और भगवान विष्णु की पूजा इस धाम में की जाती है।
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आचार्य देशमुख वशिष्ठ जी महाराज बताते हैं कि, भगवान श्री हरी नारायण श्रीमन नारायण बदरीनाथ धाम में ध्यान मुद्रा में ध्यान लगा रहे हैं प्रकृति सहयोग करती है।
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बद्रीनाथ में बादल तो खूब आएगा लेकन कभी भी वह गरजेगा नहीं, कारण है कि, प्रकृति भगवान की तपस्या में बाधा नहीं डालना चाहती।
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बद्रीनाथ में विष्णु जी ने नारायण के रूप में अवतार लिया था तब कुत्तों को ये श्राप दिया था कि वे इस स्थान पर कभी भी भौंक नहीं सकेंगे।
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कहते हैं कि, कुत्ते भगवान के सेवक होते है। यहां पर शांति से रहने का आदेश दिया जाता है. तभी यहां पर कुत्ते शांति से रहते हैं।
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