By - Simran Singh
Image Source: Freepik
पौराणिक कथाओं में बताया है कि माता सीता लंका में दो वर्षों तक रहीं और वह महल में नहीं रहती थी।
कथाओं के अनुसार रावण के पास सभी ऐशोआराम थे लेकिन वह चाहकर भी माता सीता को महल में नहीं रख सकें।
रावण अप्सरा रंभा को जबरदस्ती अपने महल में ले गया और दुराचार किया।
रंभा ने रावण को बताया कि वह उनके भाई नलकुबेर की पुत्रवधू है लेकिन रावण नहीं माना।
ये बात नलकुबेर को पता चली तो उसने रावण को श्राप दिया।
रावण किसी महिला को उसकी मर्जी के बिना महल में लाया तो रावण की मृत्यु हो जाएगी।
श्राप के डर से रावण सीता को महल में नहीं लाया।