By - Simran Singh
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Date-24-01-2025
रात में अंतिम संस्कार न करने की परंपरा भारतीय संस्कृति, हिंदू धर्म से जुड़ी है और गरुड़ पुराण में इसका उल्लेख है।
हिंदू धर्म में माना जाता है कि सूर्य देव की रोशनी में किया गया काम शुभ और पवित्र होता है, अंतिम संस्कार एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसे दिन में करना शुभ माना जाता है।
अंतिम संस्कार में परिवार और समुदाय के लोगों की मौजूदगी जरूरी है, दिन में सभी लोग आसानी से शामिल हो सकते हैं, जबकि रात में नहीं।
सूर्य देव की ऊर्जा को पवित्र माना जाता है, इसलिए सूर्योदय के समय अंतिम संस्कार करने से आत्मा को मोक्ष मिलता है।
रात आमतौर पर ध्यान, साधना और आराम का समय होता है, मानसिक और आध्यात्मिक दृष्टि से दिन में अंतिम संस्कार करना सही होता है।
हिंदू धर्म में रात के समय को तामसिक माना जाता है, जो अंतिम संस्कार जैसे पवित्र कार्यों के लिए सही नहीं है।
गरुड़ पुराण के अनुसार सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार करने से मृत व्यक्ति की आत्मा को शांति नहीं मिलती, ऐसे में आत्मा को नर्क जाना पड़ सकता है।