By: Simran Singh
NavBharat Live Desk
भाई दूज का त्योहार भाई और बहन के स्नेह, विश्वास और आत्मीय संबंध को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है।
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पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए थे, जहाँ यमुना ने उनका तिलक किया और भोजन कराया।
इस पर यमराज ने प्रसन्न होकर कहा कि जो भी इस दिन अपनी बहन से तिलक करवाएगा, उसे यमलोक का भय नहीं रहेगा।
बहन अपने भाई के तिलक के साथ उसकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है।
भाई अपनी बहन को उपहार देता है और उसकी रक्षा करने का वचन देता है।
यह पर्व दीपावली के पांचवें दिन मनाया जाता है और इसे रोशनी के त्योहार की अंतिम कड़ी माना जाता है।
भाई दूज केवल पारिवारिक त्योहार नहीं बल्कि समाज में प्रेम, एकता और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देता है।
यह दिन हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है और इसका उल्लेख कई पुराणों में भी मिलता है।
भाई दूज भाई-बहन के बीच स्नेह और आत्मीयता को पुनर्जीवित करने का अवसर है।