भाई दूज मनाने के पीछे क्या है कहानी

21 Oct 2025

By: Simran Singh

NavBharat Live Desk

भाई दूज का त्योहार भाई और बहन के स्नेह, विश्वास और आत्मीय संबंध को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है।

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भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक

पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए थे, जहाँ यमुना ने उनका तिलक किया और भोजन कराया। 

यमराज और यमुना की कथा

इस पर यमराज ने प्रसन्न होकर कहा कि जो भी इस दिन अपनी बहन से तिलक करवाएगा, उसे यमलोक का भय नहीं रहेगा।

यमराज और यमुना की कथा

बहन अपने भाई के तिलक के साथ उसकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है।

सुरक्षा और लंबी उम्र की कामना

भाई अपनी बहन को उपहार देता है और उसकी रक्षा करने का वचन देता है।

भाई का आशीर्वाद

यह पर्व दीपावली के पांचवें दिन मनाया जाता है और इसे रोशनी के त्योहार की अंतिम कड़ी माना जाता है।

दीपावली के समापन का प्रतीक

भाई दूज केवल पारिवारिक त्योहार नहीं बल्कि समाज में प्रेम, एकता और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देता है।

सामाजिक एकता का संदेश

यह दिन हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है और इसका उल्लेख कई पुराणों में भी मिलता है।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

भाई दूज भाई-बहन के बीच स्नेह और आत्मीयता को पुनर्जीवित करने का अवसर है।

स्नेह और सौहार्द का उत्सव

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