विदेशी लोगों के सुनहरे बाल क्यों होते हैं? 

30  June 2025

By: Simran Singh

NavBharat Live Desk

यूरोपियन देशों (खासकर उत्तरी यूरोप) में रहने वाले लोगों में एक खास जीन MC1R में म्यूटेशन पाया जाता है, जो बालों में मेलानिन (रंगद्रव्य) का निर्माण कम कर देता है।

जेनेटिक म्यूटेशन

All Source: Freepik

सुनहरे बालों में फियूमेलेनिन (Pheomelanin) की मात्रा ज्यादा और यूमेलेनिन (Eumelanin) की मात्रा कम होती है, जिससे बाल हल्के रंग के हो जाते हैं।

कम मेलानिन उत्पादन

ठंडे और कम धूप वाले देशों में रहने वाले लोगों को शरीर में ज्यादा विटामिन D चाहिए होता है। हल्के बाल और त्वचा सूरज की किरणों को आसानी से अवशोषित करते हैं।

जलवायु और सूरज की रोशनी 

प्राचीन समय में हल्के बाल और नीली आंखों को आकर्षक माना जाता था, जिससे ये लक्षण पीढ़ी दर पीढ़ी ट्रांसफर होते चले गए।

प्राकृतिक चयन 

यदि माता-पिता में से कोई भी हल्के बालों वाला हो, तो बच्चे में भी सुनहरे बाल आने की संभावना होती है।

वंशानुगत प्रभाव

अलग-अलग नस्लें अपनी जलवायु और पर्यावरण के अनुसार समय के साथ अनुकूलित हो गईं, जिससे यूरोपीय नस्लों में सुनहरे बाल आम हो गए।

आबादी का अनुकूलन

भारत जैसे देशों में गर्म और धूप वाला मौसम होने के कारण लोगों के बालों में मेलानिन अधिक होता है, इसलिए बाल आमतौर पर काले या भूरे होते हैं।

नोट