By - Simran Singh
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शिव की भक्ति करने वालों के लिए रुद्राक्ष पूजनीय होता जिसको गले में धारण करते हैं।
रुद्राक्ष का अर्थ है रुद्र की आखें भी है। जो शिव जी का तीसरा नेत्र है।
मानवा जाता है कि भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया तो उनकी आंखों से आंसू टपक जिससे रुद्राक्ष के वृक्ष बने।
शिवपुराण में सती के भस्म होने के दुख में शिव के आंसू छलके और रुद्राक्ष बन ऐसा लिखा है।
सती के शरीर को लेकर पूरी सृष्टि में शिव घूम थे। जिससे उनके आंसू गिरे और रुद्राक्ष के वृक्ष उग गए।
भगवान शिव की पूजा में रुद्राक्ष अहम होता है। इससे अकाल मौत और ग्रह शांति से सुरक्षा होती है।