By - Deepika Pal Image Source: Social Media
बेटी के पैदा होने के साथ कमरे की सजावट से लेकर कपड़े और बाजार में मिलने वाले खिलौने तक पिंक रंग में मौजूद रहते हैं।
गुलाबी रंग को प्रेम, दया और नारी से जुड़ा शांत रंग माना गया है। साथ ही इसे ममता का चिन्ह भी कहते है।
गुलाबी रंग को हमेशा से कोमलता, दयालुता, पोषण और करुणा से जोड़ा गया है, जो कि महिलाओं के स्वभाव का प्रतीक है।
गुलाबी रंग स्तन कैंसर जागरूकता महीने का भी रंग है, लोग कैंसर से पीड़ित और सुरक्षित लोगों के हिम्मत को गुलाबी रिबन पहन कर उनका आदर करते हैं।
बच्चे के जन्म के बाद माता-पिता को यह भी पता चल सके कि पिंक रंग लड़की होने का साक्षी है और ब्लू रंग लड़के के पैदा होने की गवाही देता।
प्रथम विश्व युद्ध से पहले लड़कों के लिए गुलाबी रंग का इस्तेमाल उनके कपड़ों में होता था, जो गुलाबी दृढ़ निश्चय और पुरुषत्व का रंग होता है।
गुलाबी रंग महिलाओं के जीवन के सदाबहार रंग की सीमा की पहचान नहीं बन सकता। कई रंग और कनेक्शन होता है।