चार्जिंग पोर्ट के पास क्यों होता है छोटा छेद

29 Dec 2025

By: Simran Singh

NavBharat Live Desk

चार्जिंग पोर्ट के पास दिखने वाला छोटा सा छेद अक्सर लोगों को सिम ट्रे या रीसेट बटन लगता है, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है।

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छोटा छेद, बड़ी गलतफहमी

ज्यादातर स्मार्टफोन्स में यह छेद प्राइमरी माइक्रोफोन का होता है, जो कॉल, वॉयस नोट और वीडियो रिकॉर्डिंग के दौरान आपकी आवाज रिकॉर्ड करता है।

यह है प्राइमरी माइक्रोफोन

फोन कॉल के दौरान आपकी आवाज सामने वाले तक साफ और स्पष्ट पहुंचे, इसके लिए इसी माइक्रोफोन का इस्तेमाल होता है।

कॉल क्वालिटी इसी पर निर्भर करती है

कई एडवांस स्मार्टफोन्स में यह छेद सेकेंडरी माइक्रोफोन का भी हिस्सा हो सकता है, जो बैकग्राउंड नॉइज़ को कंट्रोल करता है।

कुछ फोनों में होता है सेकेंडरी माइक्रोफोन

एक माइक्रोफोन आपकी आवाज रिकॉर्ड करता है, दूसरा आसपास के शोर को पकड़ता है। सॉफ्टवेयर शोर हटाकर सिर्फ आपकी आवाज भेजता है।

नॉइज़ कैंसलेशन ऐसे करता है काम

बेहतर कॉलिंग, क्लियर वीडियो और प्रोफेशनल ऑडियो रिकॉर्डिंग के लिए आजकल स्मार्टफोन्स में एक से ज्यादा माइक्रोफोन दिए जाते हैं।

इसलिए फोन में होते हैं कई माइक्रोफोन

फोन को कान से लगाते समय निचला हिस्सा मुंह के सबसे करीब होता है, इसलिए आवाज साफ पकड़ने के लिए माइक्रोफोन नीचे दिया जाता है।

नीचे ही क्यों दिया जाता है माइक्रोफोन?

इसे सिम ट्रे समझकर पिन या सुई डालना माइक्रोफोन को नुकसान पहुंचा सकता है और कॉलिंग पूरी तरह खराब हो सकती है।

इस छेद में कुछ भी डालना है खतरनाक

चार्जिंग पोर्ट के पास मौजूद यह छोटा सा छेद आपकी ऑडियो क्वालिटी और कॉल क्लैरिटी का हीरो है, इसे कभी नज़रअंदाज़ न करें।

छोटा छेद, बड़ा रोल

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