By: Simran Singh
NavBharat Live Desk
ट्रेनों में दिए गए पावर पॉइंट मुख्य रूप से मोबाइल, टैबलेट और हल्के लैपटॉप जैसे छोटे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस चार्ज करने के लिए होते हैं।
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सभी ट्रेनों में पावर पॉइंट उपलब्ध नहीं होते। शताब्दी, राजधानी, वंदे भारत और कुछ अन्य प्रीमियम ट्रेनों में यह सुविधा ज्यादा देखने को मिलती है।
ट्रेन में बिजली की सप्लाई स्थिर नहीं होती। अगर वोल्टेज कम हुआ, तो लैपटॉप धीरे चार्ज होगा या बिल्कुल नहीं होगा।
हमेशा अपने लैपटॉप का ओरिजिनल चार्जर और केबल ही इस्तेमाल करें। गलत या लोकल चार्जर से चार्जिंग अनियमित हो सकती है।
ज्यादा पावर खपत करने वाले गेमिंग या हाई-परफॉर्मेंस लैपटॉप ट्रेन के पावर पॉइंट से सही से चार्ज नहीं हो पाते।
ट्रेन के सफर के दौरान पावर सप्लाई कभी भी बंद हो सकती है, जिससे चार्जिंग रुक सकती है।
ढीले प्लग या खराब सॉकेट में चार्जर लगाने से शॉर्ट सर्किट या डिवाइस खराब होने का जोखिम रहता है।
अगर एक ही पावर पॉइंट पर कई यात्री डिवाइस चार्ज कर रहे हों, तो चार्जिंग स्पीड काफी कम हो सकती है।
रेलवे की यह सुविधा सीमित उपयोग के लिए होती है। कई बार रेलवे स्टाफ चार्जिंग से मना भी कर सकता है।
ट्रेन में लैपटॉप चार्ज करना संभव है, लेकिन यह पूरी तरह सुरक्षित और भरोसेमंद नहीं होता। बेहतर है कि सफर से पहले लैपटॉप फुल चार्ज रखें या पावर बैंक/एक्स्ट्रा बैटरी साथ रखें।