By: Simran Singh
NavBharat Live Desk
टूटे बर्तन के किनारे खुरदरे होते हैं, जिनमें गंदगी और बैक्टीरिया आसानी से जमा हो जाते हैं। इससे फूड इन्फेक्शन या पेट की समस्या हो सकती है।
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टूटे हिस्सों से मुंह, जीभ या हाथ कट सकते हैं, जिससे घाव और दर्द हो सकता है।
अगर बर्तन सिरेमिक या कोटेड है तो दरारों से उसमें मौजूद केमिकल्स या ग्लेज़ खाने में मिल सकते हैं, जो शरीर के लिए हानिकारक हैं।
दरारों में जमी पुरानी गंदगी या तेल खाने के स्वाद को बिगाड़ सकती है और स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदेह होती है।
वास्तु और परंपरागत मान्यताओं के अनुसार टूटे बर्तनों में भोजन करना नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और घर में अशांति लाता है।
दरारों में पनपे जीवाणु खाने के साथ पेट में पहुंचकर गैस, एसिडिटी और संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
टूटा बर्तन कभी पूरी तरह साफ नहीं हो पाता, जिससे उसमें खाना रखना असुरक्षित हो जाता है।
डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि फूड सेफ्टी के लिहाज से टूटा हुआ बर्तन तुरंत फेंक देना चाहिए।