By: Deepika Pal
NavBharat Live Desk
गणेशोत्सव की शुरुआत 27 अगस्त से होने वाली है। इस मौके पर आप 10 दिनों के लिए अलग-अलग प्रकार के मोदक बना सकते है।
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इसे बनाने के लिए कोकोनट, खोया, चीनी और घी का इस्तेमाल किया जाता है।
विदालू एक प्रकार का जड़ फल है जो महाराष्ट्र में पाया जाता है। विदालू का स्वाद मोदक को एक खास टेस्ट देता है।
इसे बनाने में खोबरे और गुड़ का इस्तेमाल किया जाता है। यह भी मोदक के पारंपरिक प्रकारों में शामिल है।
यह मोदक चंद्रमा के आकार का होता है और इसमें खोया और सूखे मेवे को भरना होता है। इसे स्टीम और तल सकते है।
यह मोदक तलकर बनाया जाता है और इसमें आमतौर पर खोबरे और गुड़ का भरना होता है।
देसी घी, मावा और सूखे मेवों से भरकर यह मोदक बनाया जाता है।
इस मोदक को उबालकर बनाया जाता है। खोबरे और गुड़ का मिश्रण भरा जाता है।
इसे बनाने के लिए भी खोया का इस्तेमाल किया जाता है।
इन्हें बनाने के लिए बाहरी कवरिंग सूजी से तैयार की जाती है। यह उकडीचे मोदक जैसा होता है।
पनीर को मसाले और सूखे मेवों के साथ मिलाकर यह मोदक तैयार किया जाता है। मोदक को उबाला जाता है।