By: Simran Singh
NavBharat Live Desk
आलता लगाने से पैरों में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे थकान और सूजन कम होती है।
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पारंपरिक रूप से माना जाता है कि आलता में कुछ प्राकृतिक एंटीसेप्टिक तत्व होते हैं जो पैरों को संक्रमण से बचाते हैं।
आयुर्वेद और योगशास्त्र में कहा गया है कि पैरों में आलता लगाने से ऊर्जा का प्रवाह संतुलित होता है, जिससे शरीर में सकारात्मकता बनी रहती है।
पैर के तलवे शरीर के कई महत्वपूर्ण बिंदुओं से जुड़े होते हैं। आलता इन बिंदुओं को सक्रिय कर शरीर को आराम देने में सहायक हो सकता है।
आलता लगाने से पैरों की सुंदरता बढ़ती है और यह भारतीय परंपरा का हिस्सा भी है, खासकर शादी-विवाह और त्योहारों में।
गर्मियों में आलता लगाने से पैरों में ठंडक का अनुभव होता है, जिससे शरीर को आराम मिलता है।
मान्यता है कि लाल रंग की आलता बुरी नज़र और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव करती है।
पूजा-पाठ या धार्मिक अनुष्ठानों में आलता लगाने से आध्यात्मिक ऊर्जा में वृद्धि होती है।
हालांकि यह फायदे परंपरागत और सांस्कृतिक मान्यताओं पर आधारित हैं, इन्हें वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं किया गया है। किसी प्रकार की एलर्जी या स्किन प्रॉब्लम हो तो डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।