कात्यायनी का रहस्य जानते हैं आप?

मां दुर्गा के छठे स्वरूप

शारदीय नवरात्रि का अवसर चल रहा है। इस दौरान मां दुर्गा के स्वरूपों की पूजा की जाती है।

नवरात्रि

नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के कात्यायनी को विशेष रूप से पूजा जाता है।

नवरात्रि का छठा दिन

प्राचीन काल में महर्षि कात्यायन की कठोर तपस्या की जिसके फलस्वरूप उनके यहां मां जगदम्बा ने पुत्री के रूप में जन्म लिया।

किसके यहां हुआ जन्म

महर्षि कात्यायन के घर पर जन्म लेने के कारण ही वह मां कात्यायनी कहलायीं।

मां कात्यायनी

देवी दुर्गा के इस रूप ने महिषासुर दानव का वध करने के लिए जन्म लिया।

राक्षस का वध

महिषासुर का वध करने के कारण ही मां को महिषासुरमर्दिनी नाम से भी जाना जाता है।

महिषासुरमर्दिनी

मां दुर्गा के इस रूप को शहद बहुत ही प्रिय है। इसे आप पूजा के दौरान अर्पित कर सकते हैं।

शहद है प्रिय

लाल रंग है पसंद

मां कात्यायनी को लाल रंग भी काफी प्रिय है। आप इस दिन उन्हें गुलाब के फूल भी चढ़ा सकते हैं।

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